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मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी से बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को हर रविवार को मनाना चाहिए ड्राई-डे के रुप में:मुकुल
उपायुक्त मुकुल कुमार ने स्वास्थ्य और नप विभाग के अधिकारियों को दिए शहर और गांव में फॉगिंग करने के आदेश, कुरुक्षेत्र में पिछले 9 माह से मलेरिया का एक भी केस नहीं, डेंगू के 13 मामले नियंत्रण की स्थिति में, लोगों को किया जाएगा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लक्षणों व बचाव के बारे में जागरूक
कुरुक्षेत्र 2 अक्टूबर उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि कुरुक्षेत्र में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को हर रविवार को ड्राई दिवस के रुप में मनाना चाहिए। इस ड्राई दिवस के दौरान आमजन को कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों और पानी की होदी को सुखाकर दोबारा पानी भरे, यदि कुलर प्रयोग में नहीं लाए जा रहे तो उन्हे अच्छी साफ करके सुखाकर रखेंगे। अहम पहलू यह है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कुरुक्षेत्र में मलेरिया का एक भी केस सामने नहीं आया है और अभी हाल में ही गांव कलसाना में डेंगू के 13 मामले सामने आए थे और इन सभी लोगों का स्वास्थ्य सुधार की तरफ आगे बढ़ रहा है।
उपायुक्त मुकुल कुमार शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले सीएमओ डा. संतलाल वर्मा ने कुरुक्षेत्र जिले की मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार से सम्बन्धित रिपोर्ट और विभाग की तरफ से किए जा रहे बचाव कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट सबके समक्ष रखी तथा डिप्टी सीएमओ डा. सुदेश सहोता ने पॉवर प्रेजेंटेशन के जरिए मलेरिया और डेंगू बीमारी की वास्तविक स्थिति के बारे में आकंडों सहित जानकारी उपलब्ध करवाई और बताया कि सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करे ताकि कुरुक्षेत्र के नागरिकों को मलेरिया, डेंगू सहित अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि वेक्टर जनित रोगों को लेकर स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है फिर भी मौसम को देखते हुये निगरानी की आवश्यकता है। इसके साथ ही वीबीडी के साथ-साथ वॉटर बोर्न डिसिस का संज्ञान लेते हुये जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि सप्ताह के एक दिन जिला के सभी क्षेत्रों की पाईप लाईन चैक करवाना सुनिश्चित करें व जहां भी रिपेयर की आवश्यकता है वहां पाईप लाईन रिपेयर करवाये व पानी की गुणवता को देखते हुये पानी में सुपर क्लोरिनेशन का कार्य भी करें। जिससे कि आमजन को पानी से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, सभी गड्ढों को मिट्टी से भर दें और रुकी हुई नालियों को साफ रखें। यदि आपके घर में या आसपास पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें। सभी रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें और उन्हें सुखाए और फिर भरें, घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतल आदि न रखें अगर रखें तो उसे उल्टा करके रखें। बता दें कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। अपने घरों में सप्ताह में एक बार मच्छर नाशक दवाई का छिडकाव अवश्य करे। जिला में ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधी मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लारवा को नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे हर रविवार को सभी लोग ड्राइ डे (शुष्क दिवस) के रूप मे मनाएं, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगडकर साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करें। अगर साफ करना संभव न हो तो उसमे 5 से 10 एमएल पेट्रोल या डीजल का तेल डाल सकते हैं। क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें। सभी को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए व दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए, जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टियों का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख में करें