किराया न देने पर निगम ने वर्कशॉप रोड की सात दुकानें की सील, 63 की तैयारी बोलो नारायण नारायण
सील की गई दुकानों पर 24.14 लाख है किराया बकाया
– अंतिम नोटिस देने के बावजूद किराया जमा नहीं करवाने पर निगम ने की कार्रवाई
तीन दुकानदारों ने पार्ट पैमेंट में किराया जमा करवाना किया शुरू, अब 63 दुकानों की बारी
– निगमायुक्त के निर्देशों पर क्षेत्रीय कराधान अधिकारी की टीम ने की कार्रवाई
यमुनानगर:-नगर निगम की दुकानों पर बिना किराये दिए कुंडली मारे बैठे दुकानदारों पर नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। वीरवार को नगर निगम की टीम ने किराया न देने पर जगाधरी वर्कशॉप रोड स्थित सात दुकानों को सील कर दिया। इनपर लगभग 24 लाख 14 हजार रुपये किराया बकाया है। वर्कशॉप रोड पर कुल 10 दुकानों को सील किया जाना था। इनमें से तीन दुकानदारों ने पार्ट पैमेंट में किराया जमा करवाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते इनपर कार्रवाई नहीं की गई। इनके अलावा नगर निगम 63 और दुकानों को सील करने की तैयारी में है। इन दुकानों पर लगभग 1.60 करोड़ रुपये किराया बकाया है। निगम की ओर से इन दुकानों को कई बार नोटिस भेजकर चेताया गया था। बीती 15 सितंबर को हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 408ए (2) के तहत इन दुकानदारों को अंतिम नोटिस जारी किया था। जिसके पश्चात अब निगम ने दुकान सीलिंग की कार्रवाई शुरू की।नगर निगम आयुक्त आईएएस अजय सिंह तोमर के निर्देशों पर वीरवार सुबह क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अजय वालिया के नेतृत्व में सफाई निरीक्षक गोविंद शर्मा, सहायक देशराज, सहायक नरेंद्र, अजय कुमार व अन्य कर्मचारियों की टीम जगाधरी वर्कशॉप रोड पर पहुंची। लंबे समय से किराया जमा न करवाने पर निगम की इस टीम ने यहां दुकान नंबर 20 प्रथम तल, 51 प्रथम तल, 52 प्रथम तल, 53 प्रथम तल, 86 बीजी, 100 प्रथम तल व 127 प्रथम तल को सील किया। यह कार्रवाई नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 408ए (3) के तहत की गई। इन दुकानदारों पर नगर निगम का 24 लाख 14 हजार रुपये बकाया है। निगम द्वारा सातों दुकानों के किरायादारों को कई बार किराया जमा करवाने के लिए नोटिस दिए जा चुके हैं। फिर भी इन्होंने किराया जमा नहीं करवाया। जिसके बाद अब निगम की ओर से यह कार्रवाई की गई।
किस दुकान पर कितना किराया बकाया-
दुकान – किराया
20 प्रथम तल – 130351
51 प्रथम तल – 561581
52 प्रथम तल – 476854
53 प्रथम तल – 457433
86बीजी – 479601
100 प्रथम तल – 167033
127 प्रथम तल – 141725
अब 63 दुकानों की तैयारीःनगर निगम एरिया में 1650 दुकानें है। इनमें लगभग साढ़े तीन सौ दुकानें जगाधरी जोन में है, बाकी यमुनानगर जोन में है। किराया जमा न कराने पर दो माह पहले निगम की ओर से 75 दुकानों के किरायेदारों को अंतिम नोटिस जारी किया था। जिसके बाद दो दुकानदारों द्वारा पार्ट पैमेंट में किराया जमा करवाना शुरू किया। दो दिन पहले निगम ने 73 दुकानों को सील करने का ऐलान किया। जिसके बाद वर्कशॉप रोड के तीन दुकानदारों ने बकाया राशि पार्ट पैमेंट में जमा करवानी शुरू की। वीरवार को वर्कशॉप रोड की सात दुकानों को सील कर दिया। बाकी 63 दुकानों को सील करने की तैयारी है।
सीलिंग कार्यवाही से बचने को दुकानदार जमा करवाएं किराया-निगमायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि किराया जमा न करवाने वाले दुकानदारों के खिलाफ निगम की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। निगम की सीलिंग की कार्यवाही से बचने के लिए बकायादार अपना बकाया किराया जल्द से जल्द जमा करवाएं। साथ ही किरायेदार हर माह अपना किराया समय पर जमा करवाए। ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इसके अलावा जो दुकानदार पूरी पैमेंट एक साथ देने में असमर्थ है। वह पार्ट पैमेंट में अपना किराया नगर निगम में जमा करवा सकते हैं।
बीट इंचार्ज से लेकर एसपी तक सभी अपनी जिम्मेदारी समझे
यमुनानगर:-बीट इंचार्ज से लेकर एसपी तक सभी अपनी जिम्मेदारी समझे। नशा किसी भी हाल में बिकना नहीं चाहिए आईजी जिला पुलिस के प्रवक्ता चमकौर सिंह ने बताया कि नशा मुक्ति मुहिम को लेकर डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल अंबाला सिटी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व अंबाला की पुलिस शामिल रही। पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने यहां बताया कि नशा किस प्रकार रोका जा सकता है। इस पर प्रेजेंटेशन दी। बतौर मुख्य अतिथि अंबाला रेंज की आईजी भारती अरोड़ा रही। उन्होंने कहा यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक कमलदीप का प्रयास बधाई पात्र है। उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से प्रेजेंटेशन दी। नशे पर चिंता जताते हुए भारती ने कहा कि हम बारूद की सुरंग पर बैठे हैं। बड़े दुखद हालात हैं। यह एक और संयोजित क्राइम है। उन्होंने यमुनानगर का एक उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे एक साइकिल वाले ने 10 साल के बच्चे को नशे का आदी बना दिया। नशा करने वाले किसी भी हाल में छोड़ने नहीं है। एसपी यमुनानगर ने प्रेजेंटेशन में ये अच्छे से बताया है कि हम कैसे नशे को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कार्रवाई के आंकड़े यह बताने का प्रयास करते हैं कि हमने इस साल बड़ी मात्रा में नशा पकड़ा है, तो इसमें खुश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि चिंतन करने की जरूरत है। एक साल में जो नशे की मात्रा पुलिस पकड़ रही है वह मात्र 3 दिन की खुराक है। हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। हमने वर्दी पहनी है, आखिर हम आंख कैसे बंद कर सकते हैं। समाज के एक-एक व्यक्ति को साथ जोड़ें। तभी नशा जड़ से खत्म होगा। यह मत समझो कि हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं हो रहा लेकिन समाज का दर्द समझने की जरूरत है। प्रशासन हमारे साथ है। नशे को खत्म करने की चाहत पैदा करो। नशेड़ी गंदा शब्द है इसे इस्तेमाल मत करें। नशा बेचने वाले राक्षस है, बस इनके सिंग नहीं, हम इन्हें खत्म करने में सक्षम है। एसपी यमुनानगर की तरह कुरुक्षेत्र और अंबाला भी काम करें। बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, एसएचओ व डीएसपी भी अपने स्तर पर अपने एरिया की जिम्मेदारी लें। किसी भी हालत में नशा सहन नहीं होगा। पुलिस को हर नशा बेचने वाले का पता होना चाहिए कि पुलिस उन्हें छोड़ेगी नहीं। जनता का विश्वास जीतने के लिए काम करें। यह चिंता की बात है कि नशा आसानी से मिल रहा है। इंचार्ज अपनी जिम्मेदारी समझे और नशा नहीं बिकना चाहिए। पीड़ितों को प्रेम की आवश्यकता है। उनके पीछे भागना पड़ेगा। यदि घर में कोई बीमार हो जाए तब भी तो हम उसका इलाज कराते हैं। इस मुहिम को भी इसी तरह समझे। सीएमओ, समाज, एनजीओ, मीडिया व अन्य लोग हमारे साथ है तो हम इस मुहिम में जरूर सफल होंगे। यमुनानगर में जो 15 दिन का बोर्डिंग कैंप लगाया जा रहा है उससे इन नशा रोगियों को सकारात्मक माहौल मिलेगा। निश्चित ही ये नशे को छोड़ पाएंगे। हमें इनका साथ देना है। कार्यक्रम में अंबाला डीसी विक्रम यादव, कुरुक्षेत्र डीसी मुकुल कुमार, एसपी अंबाला जशनदीप रंधावा, एसपी कुरुक्षेत्र धीरज सेतिया, यमुनानगर के सिविल सर्जन डॉ विजय दहिया, डॉक्टर पारस, तीनों रेंज के डीएसपी, एसएचओ, स्टाफ इंचार्ज शामिल रहे। जिला संयोजक अधिवक्ता सुशिल आर्य ने कहा अंबाला रेंज आईजी भारती अरोड़ा के प्रयासों से करीब 13 साल बाद इस तरह का सकारात्मक अभियान शुरू हुआ है। निश्चित ही हम नशे को खत्म करने में कामयाब होंगे। युवा पीढ़ी को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए हम सब टीमवर्क से काम करेंगे। इससे पहले डिविजनल कमिश्नर रेनू फुलिया ने बताया कि उनके पास इस बैठक के लिए आईजी ऑफिस की ओर से मैसेज आया तो इस पर कुछ लोगों ने कहा कि आपका वहां क्या काम है। तब उन्हें जवाब दिया कि हमारा नहीं हम सबका काम है। अकेले पुलिस का नहीं समाज का भी दायित्व बनता है। उन्होंने एसपी यमुनानगर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जो प्रेजेंटेशन में बताया था, उस पर काम नजर आएगा। उन्होंने कहा कि यमुनानगर अंबाला और कुरुक्षेत्र के डीसी 24 घंटे उपलब्ध रहने वाली एंबुलेंस को नशा रोगियों के लिए प्रयोग में प्राथमिकता दें। इसके अलावा दानी सज्जन एंबुलेंस देने के लिए सहयोग कर सकते हैं। नशा रोगियों के लिए तीनों जिला के सिविल सर्जन एक अलग वार्ड बनाएं। ऐसा अभियान चलाना है कि नशा जिंदगी से खत्म हो जाए। उन्होंने एसपी यमुनानगर का आभार जताया और कहा कि उनकी प्रेजेंटेशन ने समाज का ध्यान आकर्षित किया प्रेजेंटेशन के दौरान पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने बताया की सही राह से 21 एनजीओ जुड़ी है। अभी तक फ्री एडिक्शन हेल्पलाइन पर 180 कॉल आ चुकी है। उन्हें भी अटेंड किया गया है। कुल 120 रोगियों की रजिस्ट्रेशन हुई है। 115 ओपीडी में तो पांच आईपीडी में इलाज ले रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने आईजी भारती अरोड़ा को प्रेरणा का स्त्रोत बताते हुए उनका आभार जताया, क्योंकि उनके प्रयास को सराहा गया है। उद्देश्य यह है कि हम चर्चा करें। जिला प्रशासन भी साथ है। उन्होंने आंकड़े दिखाते हुए बताया कि वर्ष 2019 में 479 ग्राम स्मैक पकड़ी थी। वर्ष 2020 में 720 ग्राम स्मैक पकड़ी। वर्ष 2021 की बात करें तो 1 किलो 231 ग्राम स्मैक पकड़ी। वे इन आंकड़ों से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि सच्चाई अभी दूर है। सप्ताह में 2 दिन रोगियों से मिलता हूं। उनसे बातचीत के आधार पर पता चला है कि जितनी स्मैक हमने साल में पकड़ी है यह तो मात्र तीन से चार दिन की खपत है। सभी चौकी इंचार्ज, थाना प्रबंधक, स्टाफ व डीएसपी जमीनी हकीकत पर काम करें। आईजी को बताया कि हमने सबसे पहले पहचान की, प्रेरित किया, इलाज शुरू करवाया उसके बाद मौजिज व उद्योगपतियों के साथ आने वाली दिक्कतों पर बात की। पुलिस अधीक्षक ने ध्यान आकर्षित करवाते हुए तीनों जिला के जिला प्रशासन से अपील की कि उन्हें इस कार्य के लिए एंबुलेंस चाहिए। कुछ दवाइयों की कमी है उनका स्टॉक भी चाहिए। इसके अलावा मरीज को दाखिल करने की सुविधा भी होनी चाहिए। कम से कम 10 बेड तो आरक्षित रहने ही चाहिए। अभी जिला में 3 डॉक्टर है, डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर भी गौर करना चाहिए। समझना होगा की नशा एक इंफेक्शन की तरह फैल रहा है। नशे के कारण रोगी शारीरिक,मानसिक और सामाजिक तौर पर टूट जाता है। उसकी इच्छा शक्ति खत्म हो जाती है। हमने सिर्फ इतना करना है कि इन में इच्छाशक्ति पैदा करनी है। इनकी वित्तीय मदद करनी है। इसके लिए हमें समाज का साथ चाहिए। बिना समाज के कोई भी व्यक्ति तरक्की नहीं कर सकता। यह भी समझना होगा किस तरह के लोग स्वास्थ्य विभाग पर बोझ है। इनकी वजह से हो 70% अपराध हम रोक सकते हैं।असुरक्षा का भाव पनप रहा है। सड़क सुरक्षा भी इनसे प्रभावित हो रही है। औद्योगिक क्षेत्र पर भी प्रभाव विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लेबर के साथ मारपीट व स्नैचिंग हो रही है। दुर्घटनाएं हो रही है। हम एनजीओ के माध्यम से इनकी मदद कर सकते हैं। चैरिटी इंस्टिट्यूट और कुछ ऐसे व्यक्तिगत लोग जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं उनको जोड़ कर इन के लिए दिल से प्रयास करें। एनफोर्समेंट भी अच्छे से करनी है। हमारे इस काम में रेड क्रॉस, लायंस क्लब व रोटरी सहयोगी साबित हो सकते हैं। हमने अंतिम नशा रोगी तक जाना है। ऐसा माहौल बनाना है कि नया उपभोक्ता पैदा ही ना हो।