इस शहर की सड़कों से तारकोल गायब और सड़कों से रेत और बजरी लगता है किसी ने चुरा ली

#WELCOME_TO_NCR

 

जींद कहने भर को ही शहर है लेकिन यहां की सड़कों की हालत गांवों से भी बदतर हैं। पूरे शहर में करीब 563.72 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल बिछा हुआ है। बदकिस्मती से एक भी सड़क ऐसी नहीं है, जो सही हो या यूं कहें टूटी हुई न हो। शहर में किसी भी सड़क से एंट्री करोगे तो टूटी सड़कों और गहरे गड्ढों से आपका स्वागत होगा।

 

यह समस्या आज की नहीं, बल्कि सालों पुरानी है लेकिन स्थायी समाधान के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा। इस कारण प्रदेश के पिछड़े जिलों में जींद का नाम आने लगा है। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर, नगर परिषद, मार्केटिंग बोर्ड, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) चारों विभाग हर साल लाखों रुपए मेंटेनेंस के नाम पर खर्च करते हैं लेकिन लोगों की तकलीफें कम न कर पाए।

 

जींद शहर मेें आठ जिलों से एंट्री होती है। कैथल और करनाल की तरफ से शहर में एंट्री करते ही ट्रैफिक थाना से आगे सड़क में बड़े और गहरे गड्ढे बने हैं। नरवाना की तरफ से शहर में एंट्री करते हुए बाईपास से आगे गहरे गड्ढे और इन गड्ढों में पानी भरा है।

 

हिसार की तरफ से एंट्री करते हुए औद्योगिक क्षेत्र के पास सड़क बुरी तरह से टूटी हुई है। भिवानी की तरफ से एंट्री करते रेलवे फाटक के पास सड़क का बुरा हाल है। रोहतक रोड के हालात की तो प्रदेश भर में चर्चा हो चुकी है। सफीदों रोड की हालत भी दयनीय है। केवल गोहाना रोड पर हालात ठीक हैं।

 

शहर में तीन तरह की बनी हैं सड़कें

 

तारकोल की- 90 किमी में से 40 किमी की सड़कें चलने लायक नहीं

 

शहर में नरवाना रोड, कैथल रोड, रोहतक रोड, एक तरफ का सफीदों रोड, पटियाला चौक से बस अड्डे की तरफ सफीदों गेट, गोहाना रोड, सेक्टर छह, सात, आठ और नौ, एसपी निवास से सफीदों रोड पर तारकोल से लगभग 90 किलोमीटर की सड़कें बनी हैं। इनमें से करीब 40 किलोमीटर लंबाई की सड़कें चलने लायक नहीं है। इनमें गहरे गड्ढे बने हुए हैं। बिल्कुल जर्जर हो चुकी यह सड़कें हर रोज हादसों का कारण बन रही हैं।

 

सीमेंट ब्लॉक की सड़कें- कहीं से उखड़ी तो कहीं धंस चुकी हैं

 

शहर में सीमेंट ब्लॉक से शिव चौक से बतख चौक, झांझ गेट, बैंक रोड, अर्बन एस्टेट के सभी ब्लॉक, डिफेंस कॉलोनी, बाल भवन रोड समेत लगभग 400 किलोमीटर लंबाई की सड़कें बनी हैं। इनमें से 261 किलोमीटर लंबी सीमेंट ब्लॉक की सड़कें चलने लायक नहीं है। इनमें से ज्यादातर की क्वालिटी पर सवाल उठ रहे हैं तो कई जगह सड़कें बैठ चुकी हैं। कई जगह सीमेंट ब्लॉक धंस चुके हैं।

 

सीमेंट कंक्रीट की सड़कें- 73 में से 35 किमी की सड़कें खस्ता हालत में

 

शहर में कौशिक नगर, स्कीम नंबर पांच, छह, बाजार की सड़कें सीमेंट कंक्रीट की बनी हैं। 73 किलोमीटर की लंबाई वाली इन सड़कों में 35 किलोमीटर की सड़कें चलने योग्य नहीं बची हैं। कहीं पर ऊपर की परत उतर गई तो कहीं पर इसमें गड्ढे बन गए हैं, जिसमें वाहन चालक हिचकोले खाते हैं।

 

निरीक्षण के लिए फील्ड में उतरेंगे

 

सड़कों के सभी गड्ढों को भरने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को 15 नवंबर तक का समय दिया है। इसके बाद निरीक्षण के लिए फील्ड में उतरेंगे। लापरवाही नजर आई तो कार्रवाई की जाएगी।

 

संजय बिश्नोई, जिला नगर आयुक्त, जींद।

 

टूटी सड़कों की अच्छी तरह से रिपेयरिंग के लिए जेई और एसडीओ को कहा जाएगा और जल्द ही गड्ढों को भरने का काम किया जाएगा।

 

प्रवीन कुमार, संपदा अधिकारी, हुडा।

 

किस विभाग की कितनी सड़कें टूटी पड़ीं

 

नगर परिषद : 500 किलोमीटर लंबाई की सड़कें : 300 किलोमीटर चलने लायक नहीं हैं।

पीडब्ल्यूडी बीएंडआर : 25 किलोमीटर की सड़कें : 15 किलोमीटर टूटी पड़ी

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण : 20 किलोमीटर की सड़कें : 12 किलोमीटर की टूटी पड़ी

हरियाणा स्टेट मार्केटिंग बोर्ड : 10 किलोमीटर की सड़कें : सात किलोमीटर नहीं चलने लायक

नेशनल हाईवे अथाॅरिटी : आठ किलोमीटर की सड़कें : डेढ़ किलोमीटर नहीं चलने लायक