उठा ल्यो ल_ वाला बयान वापस लेकर सीएम ने बड़पन दिखाया: बीरेंद्र सिंह
भाजपा की परवाह की क्या बात-मेरी रगों में भी किसान का खून दौड़ रहा है
दिल्ली(एम.एस.निर्मल):किसानों के मसीहा सर छोटू राम के नाती एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर किए जाने बाद वह भाजपा के खिलाफ ओर भी मुखर होने लगे है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की बात रखना पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं हो सकती। बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों के साथ खड़ा होना मेरा धर्म हैं, क्योंकि मेरी रगों में भी एक किसान का ही खून दौड़ रहा है।
बीरेंद्र सिंह नए खेती कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के हक में बोल कर भाजपा हाईकमान को खटक रहे थे, उपर से इनेलो की 25 सितंबर को जींद में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती पर आयोजित रैली में पहुंच कर भाजपा हाईकमान की परवाह न करने का संकेत दिया। भाजपा हाईकमान ने नाराजगी के चलते उनके सांसद बेटे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया। इसके चलते बीरेंद्र सिंह भी भाजपा हाईकमान की परवाह किए बिना अवसर मिलते ही अपने मन की बात कहते देर नहीं लगा हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आंदोलन कर रहे किसानों को जैसे को तैसा अंदाज में जवाब देने और उठा ल्यो ल_ वाला बयान वापस लेने पर बीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के इस कथन को सीएम का बड़प्पन गिनवा दिया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी किसी के प्रभाव में आकर व्यक्ति की जीभ फिसल जाती है और उसके मुंह से गैर-जिम्मेदाराना बात निकल जाती है। वैसे भी किसानों द्वारा कोई हिंसा नहीं की जा रही। किसान अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह इस बात के लिए किसान संगठनों की प्रशंसा करते हैं।
बीरेन्द्र सिंह कई बार किसानों के हकों की आवाज उठाकर भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे है। देखना है कि बीरेन्द्र सिंह भाजपा को झटका देना का कारनामा कब करेंगे। क्योंकि जींद में देवीलाल जयंती पर मंच पर जाने के बाद उनके इनेलो में शामिल होने की चर्चाएं चल रही है।
भाजपा की परवाह की क्या बात-मेरी रगों में भी किसान का खून दौड़ रहा है
दिल्ली(:किसानों के मसीहा सर छोटू राम के नाती एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर किए जाने बाद वह भाजपा के खिलाफ ओर भी मुखर होने लगे है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की बात रखना पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं हो सकती। बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों के साथ खड़ा होना मेरा धर्म हैं, क्योंकि मेरी रगों में भी एक किसान का ही खून दौड़ रहा है।
बीरेंद्र सिंह नए खेती कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के हक में बोल कर भाजपा हाईकमान को खटक रहे थे, उपर से इनेलो की 25 सितंबर को जींद में पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती पर आयोजित रैली में पहुंच कर भाजपा हाईकमान की परवाह न करने का संकेत दिया। भाजपा हाईकमान ने नाराजगी के चलते उनके सांसद बेटे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया। इसके चलते बीरेंद्र सिंह भी भाजपा हाईकमान की परवाह किए बिना अवसर मिलते ही अपने मन की बात कहते देर नहीं लगा हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आंदोलन कर रहे किसानों को जैसे को तैसा अंदाज में जवाब देने और उठा ल्यो ल_ वाला बयान वापस लेने पर बीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के इस कथन को सीएम का बड़प्पन गिनवा दिया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी किसी के प्रभाव में आकर व्यक्ति की जीभ फिसल जाती है और उसके मुंह से गैर-जिम्मेदाराना बात निकल जाती है। वैसे भी किसानों द्वारा कोई हिंसा नहीं की जा रही। किसान अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह इस बात के लिए किसान संगठनों की प्रशंसा करते हैं।
बीरेन्द्र सिंह कई बार किसानों के हकों की आवाज उठाकर भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे है। देखना है कि बीरेन्द्र सिंह भाजपा को झटका देना का कारनामा कब करेंगे। क्योंकि जींद में देवीलाल जयंती पर मंच पर जाने के बाद उनके इनेलो में शामिल होने की चर्चाएं चल रही है।