कलेसर से कालका तक के क्षेत्र को तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से किया जाएगा विकसित: मुख्यमंत्री*
*50 वर्ष के बाद हरियाणा के कोई मुख्यमंत्री पहुंचे कपालमोचन मेले में*
बिलासपुर/यमुनानगर, 19 नवम्बर ( )-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यमुनानगर के कलेसर से पंचकूला के कालका तक के क्षेत्र को तीर्थाटन तथा पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसी के तहत कपालमोचन मेला क्षेत्र में इन्फ्रास्टक्कचर मजबूत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आज देवों, गुरुओं एवं ऋषि मुनियों की पावन धरा पर आयोजित ऐतिहासिक कपालमोचन मेला में शिरकत करने पहुंचे थे। पिछले पचास वर्षों में श्री मनोहर लाल ही ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो अनेक मिथकों और अंधविश्वासों को तोड़ कर यहां पहुंचे हैं। अंधविश्वास के चलते सन 1970 के बाद यहां कोई मुख्यमंत्री नहीं आए थे। कुछ दिन पहले जब इन्हें इस पावन-पवित्र स्थान के बारे में इस प्रकार के मिथकों और अंधविश्वास के बारे में पता चला तो इन्होंने इसे तोडऩे का फैसला लिया। इसी के चलते उन्होंने आज यहां सबसे पहले गुरुद्वारा कपालमोचन में मत्था टेका, इसके बाद प्राचीन सफेद गऊबच्छा मंदिर के घाट, ऋणमोचन सरोवर व सूरजकुंड सरोवर पर पूजा-अर्चना की व पंच स्नाना किया।
कपिल मुनि जी की धरती कपालमोचन में उन्होंने लोगों को गुरुनानक देव के प्रकाशपर्व और देव दीपावली की बधाई देते हुए इस क्षेत्र की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण कपालमोचन मेला का आयोजन नहीं करवाया जा सका लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल को अपनाते हुए मेला का भव्य आयोजन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा कम समय में बेहतरीन तैयारी करने पर मुख्यमंत्री ने सराहना की। उन्होंने कहा कि बीती शाम करीब 2 लाख श्रद्धालुओं ने कपालमोचन मेला में आस्था की डुबकी लगाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र का सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी महत्व है। इस जगह गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी का आगमन हुआ था। इसे भी ध्यान में रखते हुए हमने इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। श्री कपालमोचन तीर्थ के अलावा श्री बद्रीनारायण, श्री माता मंत्रादेवी व श्री केदारनाथ के विकास के लिए श्राइन बोर्ड बनाया गया है। कपालमोचन में 300 लाख रुपये की लागत से भव्य गुरु गोबिंद सिंह युद्ध कला संग्रहालय का निर्माण किया गया है। बिलासपुर-कपालमोचन-दनोरा सडक़ को 20 करोड़ 8 लाख 97 हजार रुपये की लागत से चौड़ा व मजबूत किया गया है। जिला यमुनानगर में लिंक रोड कपालमोचन-दनौरा सडक़ से भगवानपुर सडक़ को 2 करोड़ 58 लाख 4 हजार रुपये खर्च करके चौड़ा किया गया है। इसी प्रकार काटगढ़ से रामपुर गेंडा सडक़ पर सोम नदी के ऊपर 6 करोड़ 43 लाख 79 हजार रुपये की लागत से ऊपरगामी पुल का निर्माण किया गया है। राजकीय महाविद्यालय अहड़वाला भवन का 14 करोड़ 13 लाख 50 हजार रुपये की लागत से निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने और आने वाली पीढिय़ों को अपनी समृद्ध परंपराओं से अवगत कराने के लिए कुरुक्षेत्र में हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया जाता है। इसके साथ-साथ हमारी सरकार ने प्राचीन पावन सरस्वती नदी को पुन: धरा पर लाने और इसके तटों पर स्थित तीर्थों के पुनरूद्वार के लिए सरस्वती विकास बोर्ड का गठन किया है। सरस्वती नदी को पुन: प्रवाहित करने के उद्देश्य से आदिबद्री में 3 सरस्वती सरोवरों एवं बांधों का निर्माण, पेहोवा के निकट सरस्वती वन क्षेत्र, स्योंसर में 2 सरस्वती सरोवरों का निर्माण और सरस्वती नदी की 2 अन्य धाराओं को सरस्वती से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मेला में आए संतों से मिले मांगपत्र के बाद उन्होंने जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता को एक प्लॉन तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर शीघ्र कार्रवाई शुरू की जाएगी।
*अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए**
कपालमोचन मेला में दर्शन करने के बाद मीडिया द्वारा कपालमोचन मेला में मुख्यमंत्रियों के न आने बारे फैले अंधविश्वास का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ऐसे अंधविश्वास को नहीं मानता। उन्होंने कहा कि मेला शुरू होने से कुछ दिन पहले ही मुझे इस प्रकार की जानकारी मिली थी कि वर्ष 1970 के बाद कोई भी मुख्यमंत्री इस कपालमोचन मेला में नहीं आया है, पहले पंजाब के मंत्री व मुख्यमंत्री भी इस मेले में आते थे। उन्होंने कहा कि आज मैं दो बैठकें रद्द करके इस कार्यक्रम में शिरकत करने आया हूं, इससे पहले भी एक बार दर्शन करके जा चुका हूं। ऐसा ही अंधविश्वास करनाल के मधुबन को लेकर भी माना जाता है। मैं मुख्यमंत्री रहते हुए मधुबन में भी तीन बार अलग-अलग कार्यक्रमों में पहुंचा हूं जबकि पिछले 30 साल से मेरे अलावा कोई दूसरा मुख्यमंत्री मधुबन नहीं गया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल, अम्बाला के सांसद रतनलाल कटारिया, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास, हरियाणाा समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रोजी आंनद मलिक, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राम निवास गर्ग, नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी के मेयर मदन चौहान, भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश सपरा, पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, सढौरा के पूर्व विधायक बलवंत सिंह, अम्बाला मंडल की आयुक्त रेणु एस. फुलिया, उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त रणजीत कौर, नगराधीश निशा यादव, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन आहूजा, बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल, जगाधरी के एसडीएम सुशील कुमार, रादौर के एसडीएम डा. इन्द्रजीत सिंह, सिविल सर्जन डा. विजय दहिया, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शंकर लाल गोयल, जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया सहित मेला प्रबंधों से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहरलाल खट्टर पहुचे जिला यमुनानगर के कपाल मोचन मेले में , लगाई आस्था की डुबकी मुख्यमंत्री मनोहरलाल कपाल मोचन मेले में पहुचे व पवित्र सरोवर में स्नान कर मन्दिर व गुरुघर में माथा टेका। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहरलाल खट्टर ने कहा ऋषि व्यास ने यहां तपस्या की कपालमोचन क्षेत्र की ऐतिहासिक व धार्मिक मान्यता है ऐसी कथा भी इस क्षेत्र से जुड़ी है कि ऋषि व्यास ने यहां वेदों की रचना की। आदिबद्री का यह क्षेत्र यही से सरस्वती का प्रवाह होता था।व यह भी माना जाता है कि गुरुनानक देव जी व गुरुगोबिंद सिंह जी उनका भी यहां आगमन हुआ था , आज कार्तिक माह की पूर्णिमा का पर्व है व यह पर्व बहुत पवित्र होता है इस दिन पवित्र स्थान पर जाकर नदियों में स्नान करना शुभकारी होता है पिछले साल कोरोना महामारी के कारण कोलमोचन क्षेत्र में यह उत्सव नही मनाया जा सका लेकिन इस बार प्रशासन व सरकार ने इस उत्सव को धूमधाम से मनाया व लाखो लोग यहां पहुचे व आज देव दीपावली एक पर्व भी है। उन्होंने कहा आज के इस पर्व की पूरे हरियाणा की जनता को बधाई देता हूं उन्होंने कहा यहाँ मन्दिर गुरद्वारे बने है व यह स्थल सामाजिक एकता व समरसता का प्रतीक भी है उन्होंने कहा कपालमोचन क्षेत्र को लेकर एक मान्यता भी है कि 1970 के बाद यहां कोई मुख्यमंत्री नही आया जब मुझे यह पता चला तो मैने तय कर लिया कि आज इस उत्सव में कपालमोचन जाऊंगा। वही उन्होंने यह भी कहा इस प्रकार के अंधविश्वास पर यकीन नही करना चाहिए वही ऐसा ही मधुबन क्षेत्र को लेकर भी कहा जाता था वहां भी 20 सालों से कोई मुख्यमंत्री नही गया वहाँ भी में 3 बार गया हूं व आज मेले के अवसर पर कपालमोचन आया हु इससे पहले भी आदिबद्री दर्शन के दौरान यहां आ चुका हूं वही सरकार द्वारा कृषि कानून वापिस लिए जाने पर मुख्यमंत्री हरियाणा ने कहा उन्हें भी इसकी जानकारी नही है व प्रधानमंत्री जी का पूरा भाषण सुना नही है व चंडीगढ़ पहुँच कर 12 वजे तक इस विषय पर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।