By NIRMAL SANDHU
किसानों ने लठ उठा लिया तो छुपने के लिए कोना नहीं मिलेगा:चढूनी
हकों की नीतियां बनाने के लिए किसानों को चुनाव लडऩा ही पड़ेगा
करनाल: भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार सडक़ बंद करने का इल्जाम किसानों पर लगाने में भी बड़ा झूठ बोल रही है। सडक़ किसानों ने नहीं सरकार ने10 महीने से बंद कर किसानों को घेर रखा है। देश के अन्नदाता को सडक़ों पर गर्मी,सर्दी और बरसात में खुले आसमान के नीचे बैठाने का पाप करने वाली सरकार की असलीयत जनता के सामने आ चुकी है। इस तरह के झूठे व फरेबी लोगों को सत्तामुक्त करने के लिए किसानों व आम जनता को एकजुट होकर काम करना होगा। क्योंकि इस सरकार ने तो जनता को अपनी बात कहने से रोकने के लिए अघोषित अमरजैंसी लगा रखी है। लोकतंत्र में वोट की चोट से इस तरह के लोगों को सबक सिखाया जा सकता है। किसान अपना संगठन बनाकर चुनाव मैदान में उतर कर किसानों से बेइंसाफी करने वालों को हराए। उन्होंने 27 सितम्बर को भारत बंद को सफल बनाने का आहवान किया।
उन्होंने कहा कि जब आंदोलन शुरू हुआ तो हरियाणा सरकार ने अम्बाला से लेकर करनाल तक सडक़ों को रोककर किसानों को दिल्ली जाने से रोका। करनाल में किसानों पर पहले भी लाठीचार्ज किया और अब फिर किया था। किसान अपने हकों के लिए आवाज उठा रहे हैं। किसान संसद भवन जाकर अपनी बात बताना चाह रहे हैं, क्योंकि किसानों के लिए तीन काले कानून संसद में बनाए गए थे। सरकार किसानों को संसद के पास जगह दे तो वे वहां पर डेरा डाल लेंगे।
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा में सरकार अब तक आंदोलनरत 40 हजार किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। किसानों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। कोई भी किसान इन नोटिसों को नहीं लेगा तथा किसी भी किसान को इस मामले में किसी पुलिस थाने जाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार किसानों पर बहुत लाठी डंडे बरसवा चुकी है। किसान के सब्र का इम्तिहान सरकार न ले। क्योंकि सरकार की नीतियों व नीयत से किसान आक्रोसित है। तंग आए किसान ने जिस रोज लठ उठा लिया, उस रोज छिपने के लिए एक कोना तक नहीं मिलेगा। किसानों को अपनी नीतियों बनाने के लिए चुनाव लडऩा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस का बहिष्कार किया जाए। दोनों दल किसानों के खिलाफ ही नीतियां तैयार करते हैं। किसानों पर लाठियां भांजने वालों को सत्ता सुख भोगने का कोई हक नहीं है।