कुपोषण के शिकार बच्चे व महिलाओं में आएगी

  1. कुपोषण के शिकार बच्चे व महिलाओं में आएगी जागृति, खुराक की ओर देंगे पूरा ध्यान,जच्चा-बच्चा दोनों रहेंगे सुरक्षित:-सीडीपीओ नीलम आर्य।
    राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जुंडला के संत रविदास मंदिर में कार्यक्रम का हुआ आयोजन, सीडीपीओ नीलम आर्य, जिला समन्वयक अंजू व ज्योति ने पोषक तत्वों से पौष्टिक आहार लेने के बारे महिलाओं व बच्चों को किया जागरूक, ड्रामा पार्टी के कलाकारों ने नाटक का किया मंचन।
    जुंडला/करनाल 21 सितम्बर, महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में चलाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत मंगलवार को जुंडला के संत रविदास मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ब्लॉक की सीडीपीओ नीलम आर्य, पोषण अभियान की जिला समन्वयक अंजू, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की जिला समन्वयक ज्योति रानी, सहायक मीनाक्षी शर्मा, सुपरवाईजर अन्नु, गीता, मुकेश, मेनका, आगंनवाड़ी वर्कर सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं उपस्थित रही। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की रैसेपी प्रतियोगिता करवाई गई तथा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की गोद भराई करवाई गई जिसमें उन्हें फलों की टोकरी उपहार के रूप में भेंट की गई। इस अवसर पर सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग की ड्रामा पार्टी करनाल के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करके महिलाओं को पोषण के बारे में जागरूक किया गया।
    बॉक्स: राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के तहत चलाई जा रही गतिविधियों से महिलाओं को किया जा रहा है जागरूक:-सीडीपीओ नीलम आर्य।
    सीडीपीओ नीलम आर्य ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत चलाई जा रही गतिविधियों से कुपोषण के शिकार बच्चे व महिलाओं में जागृति आएगी और वे अपनी खुराक की ओर पूरा ध्यान देंगे ताकि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे संतुलित पोषाहार लेने के प्रति जागरूक होंगे तो निश्चित तौर पर ही वे इसकी जानकारी अपने परिवार में सांझा करेंगे जिससे परिवार के अन्य सदस्य भी प्रेरित होंगे। इसके अलावा, जिला के स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान करवाने वाली माताओं का भी स्वास्थ्य की देखभाल रखने संबंधी मार्गदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण व खंड स्तर पर सेमिनार आदि के माध्यम से महिलाओं को किचन गार्डन के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत क्विज कॉम्पीटिशन, जागरूकता रैलियों, प्रभात फेरियों, चित्रकारी लेखन प्रतियोगिता सहित सोशन मीडिया के माध्यम से लोगों को पोषाहार के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा डोर टू डोर विजिट करते हुए महिलाओं में स्तनपान करवाने सहित शिशुओं की बेहतर देखभाल करने संबंधी उपाय बताए जा रहे हैं। कुपोषित बच्चों व महिलाओं के नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्हें अनीमिया से बचाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है तथा पोषण पंचायत भी आयोजित की जा रही हैं। यह कार्यक्रम 1 सिंतबर से शुरू होकर आगामी 30 सितम्बर तक जारी रहेगा।
    बॉक्स: बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं को पौष्टिक आहार के बारे में किया जा रहा है जागरूक – जिला समन्वयक अंजू।
    पोषण अभियान की जिला समन्वयक अंजू ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए भोजन को सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। कुपोषण के खिलाफ अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के प्रथम सप्ताह के दौरान कुपोषण से बचाव, स्वच्छता, पौधारोपण, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग, महिला गोष्ठी, मैडिकल प्लांट के प्रमोशन आदि सहित कई अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस दौरान महिलाओं व बच्चों को ‘पोषण शपथ‘ भी दिलवाई जा रही है। महिलाओं व बच्चों को संतुलित व पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने के लिए प्रेरित करने के साथ साथ उन्हें डाईट चार्ट के बारे में बताया जा रहा है।
    बॉक्स: गर्भवती महिला को भारत सरकार दे रही है 5000 रुपये की आर्थिक सहायता – जिला समन्वयक ज्योति रानी।
    प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की जिला समन्वयक ज्योति रानी ने बताया कि इस योजना के लागू होने से गर्भवती महिलाओं को पौष्टिïक आहार व स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं। पीएमएमवीवाई के तहत गर्भवती महिला को भारत सरकार द्वारा 5000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। जो भी गर्भवती महिला इस योजना में आवेदन करने की इच्छुक है, उन्हें आंगनवाड़ी तथा स्वास्थ्य केंद्र में जाकर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि आवेदन करने वाली गर्भवती महिलाओं की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक के पास राशन कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, माता पिता दोनों का आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक तथा माता पिता दोनों का पहचान पत्र होना अनिवार्य है। गर्भवती महिलाओं को इस योजना में आवेदन के लिए तीन फार्म (ए, बी, सी) भरने होंगे। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का आवेदन फार्म महिला तथा बाल विकास मंत्रालय की वैबसाईट http://wcd.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं।