इन्द्री, 27 दिसम्बर, हरियाणा विज्ञान मंच ने जहरमुक्त खेती, जहरमुक्त भोजन, जहरमुक्त जीवन अभियान के अधीन खंड इन्द्री के गांव टपरियों में किसान संगोष्ठïी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठïी में हरियाणा विज्ञान मंच के राज्य कमेटी सदस्य एवं पूर्व विषय विशेषज्ञ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग डॉ. राजेन्द्र सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए बताया कि जिला के किसान राज्य में अपनी खेती सबसे ज्यादा कीटनाशक दवाईयों का प्रयोग करते है जिसका सीधा-सीधा असर हमारे स्वास्थय पर पड़ रहा है।
डॉ. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों द्वारा धान की फसलों में कीटनाशक दवाईयों का अधिक से अधिक प्रयोग करने से चावल में जहर की मात्रा अधिक बढऩे से हमारे चावल की मांग अन्य देशों में निरंतर कम होती जा रही है। उन्होंने बताया कि फसलों में अधिक मात्रा में कीटनाशक दवाईयों के स्प्रे के प्रयोग से न केवल हमारी फसलों की उत्पादक लागत बढ़ रही है बल्कि किसान एवं मजदूरों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए हरियाणा विज्ञान मंच ने जहरमुक्त खेती, जहरमुक्त भोजन, जहर मुक्त जीवन विषय पर जनअभियान चलाने का निर्णय लिया है। किसान संगोष्ठïी में खंड कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लगातार किसानों को फसल विविधिकरण, फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूक करने की वजह से गेहूं का रकबा कम हुआ है तथा सरसों, गन्ना व सब्जी के अधीन क्षेत्र बढ़ा है।
संगोष्ठïी में पूर्व खंड कृषि अधिकारी डॉ. विजय काम्बोज ने किसानों को फसलों में कीटनाशक दवाईयों से होने वाले नुकसान के बारे विस्तार से जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पूर्व कृषि विस्तार सलाहकार डॉ. ध्यान सिंह ने मंच का संचालन करते हुए किसानों से अपील की कि वे अपनी फसलों में कम से कम कीटनाशक दवाईयों को प्रयोग करें और जैविक विधि से ही खेती करें।