देखिए किस तरह पेंटिंग्स स्केच और बेकार समान से बनायीं कलाकृतियां है जो बच्चों ने अपने हाथों से बनाई है  

महिला एवं बाल विकास विभाग की अनूठी पहल

 

बच्चों के हुनर को मिल रही पर्यटकों की सराहना

 

हाथों में अगर हुनर और कला हो तो वो कभी छुपती नहीं है ऐसी ही एक झलक दिखती है अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती में लगाए गए स्टाल नंबर पर जिसमे राज्य के बाल देख रेख संस्थानों की कला प्रदर्शनी लगाई गयी है

महिला एवं बाल विकास विभाग की एक अनूठी पहल है कुरुक्षेत्र के गीता महोत्सव में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चल रहे राज्य के सभी बाल देखरेख संस्थानों में आश्रित बच्चों के हस्तकला की प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें बच्चों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों को आमजन के लिए बेचने के लिए लगाया गया है प्रदर्शनी में लगाई गई कलाकृतियां में विभिन झलकियां देखने को मिलती है जिसमे पेंटिंग्स स्केच और बेकार समान से बनायीं कलाकृतियां है जो बच्चों ने अपने हाथों से बनाई है 

महिला एवं बाल विकास निदेशालय से पहुंची ट्रेनिंग मैनेजर शैफी परुथी ने बताया की विभाग की और निदेशक हेमा शर्मा और संयुक्त निदेशक राज बाला कटारिया के निर्देशन में पहली बार करुक्षेत्र गीता महोत्सव में बच्चों की हस्तकला की प्रदर्शनी लगाई गयी है जिसमे बाल देख रेख संस्थान में आश्रित बच्चों ने द्वारा हस्त निर्मित वस्तुओं को बिक्री के लिए रखा गया है इस का उदेश्य है की बच्चों का उत्साह वर्धन हो और उनके अंदर की कला को निखारा जा सके प्रदर्शनी में हस्तकला की बिक्री की राशि बच्चों के विकास पर प्रयोग की जाएगी विभाग की ओर से जन सामान्य को अपील की जा रही है कि बच्चों के उत्साह के लिए प्रदर्शनी में पहुंचे और उनके उत्साह वर्धन के लिए सामान को खरीदें

 

विभिन प्रतियोगिताओं में बच्चों ने तैयार की कलाकृतियां

 

विभाग की और से आश्रय में रह रहे बच्चों की विभिन प्रतियोगिताएं करवाई जाती है जिसमे बच्चों ने कलाकृतियों का निर्माण किया कोरोना काल में जब पूरा देश थम गया उस समय बच्चों ने पढ़ाई भी जारी रखी और उनकी कला और निखरने के प्रयास किये बच्चों ने सभी कलाकृतियों में अनूठे प्रयोग किये है

प्रदर्शनी में रखी है हर कलाकृति को सराहा जा रहा है सभी कलाकृतियों में बच्चों की कला और उनकी मेहनत साफ तौर पर झलकती है जिसमें बच्चों ने कई पेंटिंग्स के अंदर बहुत से सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया है