(NIRMAL SANDHU) पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पर गम्भीर जड़ दिया। कैप्टन ने कहा कि सिद्धू की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा से दोस्ती है। अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा बनाती है तो मैं इसका विरोध करूंगा, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। कैप्टन ने कहा कि मैं जानता हूं, पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का कैसा संबंध है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इसका दोस्त है, जनरल बाजवा के साथ इसकी दोस्ती है। सिद्धू तो बाजवे का साथ है, इमरान खान के साथ है। रोज हमारे कश्मीर में जवान मारे जा रहे हैं। पत्रकारों के सवाल पर कैप्टन ने सवाल किया कि आपको लगता है मैं सिद्धू के नाम को स्वीकार करूंगा। कैप्टन के इस ऐलान के बाद कांग्रेस हाईकमान की हालत बेहद पतली हो गई है।
कैप्टन ने यह कहा कि सिद्ध मेरा मंत्री था और उसे निकालना पड़ा। सात महीने तक अपनी फाइलें क्लियर नहीं की। क्या इस तरह का व्यक्ति जो एक विभाग नहीं संभाल सकता वो एक राज्य संभाल सकता है? सिद्धू कुछ नहीं संभाल सकता, मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं। वो पंजाब के लिए भयानक होने वाला है।
इतना ही नहीं कैप्टन ने कांग्रेस हाईकमान पर भी हमला बोला और कहा कि बार-बार विधायकों की बैठक बुलाकर साफ हुआ कि कांग्रेस हाईकमान को मुझ पर भरोसा नहीं है। मेरा अपमान हुआ है। इस्तीफा देने के बारे में मैंने सुबह ही फैसला कर लिया था। मैंने सोनिया गांधी से बात की और अपना इस्तीफा दे दिया। मैं दिल्ली कम जाता हूं और दूसरे बहुत जाते हैं, इसलिए वो वहां जाकर क्या कहते हैं, मुझे नहीं पता।
आगली रणनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब व पंजाबियों के लिए मजबूती से काम किया है। मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि कौन सीएम बनता है और कौन क्या बनता है। राजनीति में किसी तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। भाजपा में शामिल होने के सीधे सवाल पर कैप्टन ने कहा कि राजनीति में कभी कोई रास्ता बंद नहीं होता। कैप्टन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
कैप्टन ने कहा कि मैंने पहले ही कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी को कह दिया था कि मुझे पद से मुक्त कर दें। सिद्धू लेफ्ट चलें और मैं राइट, ऐसे में मैं काम नहीं कर सकता था। कैप्टन ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा व तृप्त रजिंदर बाजवा को भी जवाब दिया कि मैंने 13 साल अकालियों के किए केस भुगते। उन्होंने मुझे असेंबली से निकाल दिया। मुझे लगता है कि वो झूठ बोल रहे हैं या उन्हें राजनीति नहीं आती।
कैप्टन ने कहा कि पिछले कई महीनों में यह तीसरी बार हो रहा है कि विधायकों की बैठक बुलाई गई हो। दो बार विधायकों को दिल्ली बुलाया गया और उसके बाद अब विधायक दल की बैठक बुला ली गई। मैंने कांग्रेस हाईकमान को कहा कि मेरे ऊपर कोई शक है कि मैं सरकार नहीं चला सकता, तो बताएं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी विधायकों के समर्थन की बात नहीं की। मैंने इस्तीफा दे दिया। जब मैंने सोनिया गांधी को कह दिया कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं, तो फिर विधायक दल की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी।
कैप्टन ने कहा कि फ्यूचर पॉलिटिक्स को लेकर मेरे पास कई ऑप्शन हैं। मुझे राजनीति में 52 साल हो गए। साढ़े 9 साल मैं मुख्यमंत्री रहा। बीजेपी में शामिल होने के बारे में कैप्टन ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन इससे कोई इनकार भी नहीं किया। मेरे साथ कई लोग जुड़े हुए हैं। मैं उनसे बात करूंगा और फिर आगे के बारे में सोचूंगा।
कैप्टन ने कहा कि मैं पहले दिन से ही किसानों के साथ हूं। आंदोलन में मरे किसानों के परिवार को 5 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देने का मेरा ही प्रोग्राम था।
कैप्टन की अगली राजनीति चाल कांग्रेस को मंहगी साबित होने की सम्भावनाएं बन गई है। कैप्टन की अगली राजनीति चाल आम आदमी पार्टी और भाजपा के घर तक पहुंच सकती है।