पंजाब में इस्तीफों की लगी झड़ी, इन नेताओं ने दिये इस्तीफे, देखिये लिस्ट
पंजाब में लगातार सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना और खेल मंत्री प्रगट सिंह ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले रजिया सु्ल्ताना ने इस्तीफा दिया था, वहीं कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई है।
परगट सिंह ने वर्ष 2012 में सियासत में कदम रखा। अकाली दल में शामिल हुए और जालंधर के कैंट विधानसभा हलके से जीत दर्ज की। 2016 में वह मंत्री न बनाए जाने से नाराज होकर अकाली दल को छोड़ गए। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
विधानसभा हलका मालेरकोटला से विधायक रजिया सुल्ताना पूर्व डीजीपी (ह्यूमनराइट्स) मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी है। वर्ष 2002 दौरान पहली बार कांग्रेस से मालेरकोटला की विधायक बनी। 2007 दौरान लगातार दूसरी बार मालेरकोटला से ही उन्होंने जीत दर्ज की। वर्ष 2012 दौरान अकाली उम्मीदवार फरजाना आलम के मुकाबले वह चुनाव में पराजित रही। वर्ष 2017 दौरान तीसरी बार फिर उन्हें मालेरकोटला में जीत मिली। इसके बाद उन्हें ट्रांसपोर्ट, जल सप्लाई व सेनिटेशन विभाग का मंत्री बनाया गया है। कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने मालेरकोटला को जिला बनाने का वादा भी पूरा किया।
पंजाब में एक बार फिर कांग्रेस के लिए सियासी संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर अब अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है।
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम संबोधित त्यागपत्र में सिद्धू ने लिखा कि समझौता करने से व्यक्ति का चरित्र खत्म हो जाता है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब की जनता के कल्याण के एजेंडा से कभी समझौता नहीं कर सकता हूं।
उन्होंने आगे लिखा, इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। मैं कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। उनके इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया ट्वीट के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि यह आदमी स्थिर नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए सिद्धू सही नहीं है।
नवजोत सिद्धू के इस्तीफे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि यदि वे नाराज हैं तो उनसे बात करेंगे। वे हमारे पार्टी प्रधान हैं और अच्छे नेता हैं।
मंगलवार को चंडीगढ़ में चन्नी ने प्रेस कांफ्रेंस की और किसानों की हालत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है लेकिन केंद्र अप्रभावित है। मैं पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में केंद्र से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील करना चाहता हूं। चन्नी ने साफ कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून रद्द नहीं किए तो पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाकर रद्द करेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रतिक्रिया आई है। कैप्टन ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं है। वह पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए फिट नहीं है। cp