हरियाणा में दो लाख रुपये से अधिक सालाना आय वाले बुजुर्गों की पेंशन कटेगी, जानिए क्या हैं पूरे नियम
हरियाणा के पेंशन धारकों से जुड़ी खबर।
हरियाणा में बुजुर्ग लोगों की धड़ाधड़ कट रही पेंशन पर प्रदेश सरकार ने स्थिति साफ की है। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि यदि लाभार्थी पति और पत्नी की वार्षिक आय सभी स्रोतों को मिलाकर दो लाख रुपये से अधिक है तो वह बुढ़ापा पेंशन लेने का हकदार नहीं होगा। अभी तक सरकार ने ऐसे लोगों की पेंशन काटी है, जिनकी पति-पत्नी को मिलाकर वार्षिक आय साढ़े तीन लाख रुपये है। ऐसे लोगों की संख्या करीब 21 हजार है। इन लोगों ने परिवार पहचान पत्रों में अपने हस्ताक्षरों के जरिये यह माना हुआ है कि उनकी (पति-पत्नी को मिलाकर) वार्षिक आय साढ़े तीन लाख रुपये या उससे अधिक है।
राज्य के हर जिले में लोगों की पेंशन कटने की आ रही शिकायतों के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है। राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने बताया कि प्रदेश में 28 लाख 85 हजार 508 लाभार्थियों को हर तरह की पेंशन मिलती है। इसमें बुढ़ापा पेंशन लेने वाले लोगों की संख्या 17 लाख 47 हजार 751 है। उनकी अक्टूबर माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की अदायगी नवंबर में की गई है।
ओम प्रकाश यादव के अनुसार अक्टूबर में 20 हजार 956 लाभपात्रों की पेंशन जारी नहीं की गई, क्योंकि उनकी वार्षिक आय स्वयं हस्ताक्षरित परिवार पहचान पत्र में साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक थी। साढ़े तीन लाख रुपये की आय का आकलन करते समय केवल पति-पत्नी की आय ही देखी गई है। जिन लाभार्थियों की वार्षिक आय (पति/पत्नी की वार्षिक आय मिलाकर) दो लाख रुपये व उससे कम है, उनकी पेंशन नहीं रोकी जाएगी।
राज्य मंत्री ने उदाहरण के साथ स्पष्ट किया कि यदि एक परिवार में सात लोग हैं और इस परिवार ने अपनी वार्षिक आय ढ़ाई लाख रुपये वार्षिक दिखाई है तो इस पूरी आय को पेंशन का लाभ हासिल करने वाली बुजुर्ग महिला या पुरुष की आय नहीं माना जाएगा। पुरुष व महिला की वार्षिक आय की गणना अलग से होगी, जैसा कि साढ़े तीन लाख रुपये वार्षिक आय वाले लोगों की पेंशन काटने के केस में किया गया है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा भविष्य में सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा जा रहा है, ताकि पेंशन बनाने की प्रक्रिया को और सरल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, वर्तमान में जो लाभार्थी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, उनका डाटा भी परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़कर संबंधित योजनाओं के प्रविधानों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
हुड्डा ने किया गठबंधन सरकार के फैसले का विरोध
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला बुजुर्गों के हितों पर कुठाराघात है। पेंशन में बढ़ोतरी करने की बजाय सरकार इसे खत्म करने में लगी है। विधानसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
चौटाला ने कहा पेंशन काटकर बुजुर्गों का अपमान कर रही सरकार
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अभय चौटाला ने कहा कि ताऊ देवीलाल ने बुजुर्गों को सम्मान देने की मंशा से पेंशन शुरू की थी। लेकिन सरकार ने इसे पांच हजार रुपये करने का वादा अपने चुनाव घोषणा पत्र में किया था, जो पूरा करने की बजाय सरकार लोगों की पेंशन काटने पर उतर आई है। यह बुजुर्गों का अपमान है।cpjag