फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर मुहिम जारी, किसानों को किया जा रहा है जागरूक।

वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फसल अवशेषों का करें समुचित प्रबंधन- पीएस ए.के. नोटियाल।

एसीएस सुमिता मिश्रा ने आश्वस्त किया कि प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर मुहिम जारी, किसानों को किया जा रहा है जागरूक।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सजगता के साथ किया जा रहा कार्य, फानों में आग लगाने वाले 6 किसानों के किए चालान, 12 हजार 500 रुपये का किया जुर्माना।

यमुनानगर, 12 अक्तूबर( )- फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के प्रधान सचिव ए.के. नोटियाल की ओर से मंगलवार को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा व उपायुक्तों के साथ समीक्षा की और कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा वायु की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करवाना सुनिश्चित करें तथा फसल अवशेषों के जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाएं और जहां कहीं नियमों की उल्लंघना पाई जाती है उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। इस अवसर पर वीसी में हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा ने बताया कि पूरे प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं और गांव-गांव पहुंचकर अधिकारियों द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी का उपयोग करने बारे जानकारी दी जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि फसल अवशेष जलाने की बजाए खेतों में ही फसल अवशेषों का प्रबंधन करवाया जा रहा है।

वीसी में उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जिला प्रशासन पूरी सजगता के साथ कार्य कर रहा है। जिला में अब तक 6 किसानों के विरूद्ध चालान किए गए हैं जिन पर 12 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सब डिवीजन व ब्लॉक लेवल पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है जोकि फसल अवशेष जलाने की प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। इतना ही नहीं भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत भी प्रशासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। कृषि विभाग की ओर से 2 प्रचार वाहन गांव-गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं तथा मंदिर व गुरूद्वारों से भी मुनियादी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 57 जागरूकता कैंप लगाए गए हैं तथा सार्वजनिक स्थानों पर 30 बड़े-बड़े होर्डिंग्स और 60 वॉल पेंटिंग करवाई गई हैं।

उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अनुदान राशि पर दिए जाने वाले मशीनरी के लिए 763 किसानों को निजी तौर पर मशीनरी के लिए स्वीकृति प्रदान दी गई है जिनमें से 1050 किसानों ने मशीनरी खरीदकर बिल कृषि विभाग के पास जमा करवा दिए हैं। अब उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसी प्रकार जिला में कस्टम हायरिंग सैंटर के लिए 119 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 97 स्वीकृत हो चुके हैं। इन्हें विभाग की ओर से 80 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि उप निदेशक डॉ. जसविन्द्र सिंह सैनी, सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन, एआईपीआरओ मनोज पाण्डेय सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फसल अवशेषों का करें समुचित प्रबंधन- पीएस ए.के. नोटियाल।
एसीएस सुमिता मिश्रा ने आश्वस्त किया कि प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर मुहिम जारी, किसानों को किया जा रहा है जागरूक।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सजगता के साथ किया जा रहा कार्य, फानों में आग लगाने वाले 6 किसानों के किए चालान, 12 हजार 500 रुपये का किया जुर्माना।
यमुनानगर, 12 अक्तूबर( )- फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के प्रधान सचिव ए.के. नोटियाल की ओर से मंगलवार को वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा व उपायुक्तों के साथ समीक्षा की और कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा वायु की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करवाना सुनिश्चित करें तथा फसल अवशेषों के जलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाएं और जहां कहीं नियमों की उल्लंघना पाई जाती है उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। इस अवसर पर वीसी में हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा ने बताया कि पूरे प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं और गांव-गांव पहुंचकर अधिकारियों द्वारा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी का उपयोग करने बारे जानकारी दी जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि फसल अवशेष जलाने की बजाए खेतों में ही फसल अवशेषों का प्रबंधन करवाया जा रहा है।
वीसी में उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जिला प्रशासन पूरी सजगता के साथ कार्य कर रहा है। जिला में अब तक 6 किसानों के विरूद्ध चालान किए गए हैं जिन पर 12 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सब डिवीजन व ब्लॉक लेवल पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है जोकि फसल अवशेष जलाने की प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। इतना ही नहीं भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत भी प्रशासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। कृषि विभाग की ओर से 2 प्रचार वाहन गांव-गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं तथा मंदिर व गुरूद्वारों से भी मुनियादी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 57 जागरूकता कैंप लगाए गए हैं तथा सार्वजनिक स्थानों पर 30 बड़े-बड़े होर्डिंग्स और 60 वॉल पेंटिंग करवाई गई हैं।
उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अनुदान राशि पर दिए जाने वाले मशीनरी के लिए 763 किसानों को निजी तौर पर मशीनरी के लिए स्वीकृति प्रदान दी गई है जिनमें से 1050 किसानों ने मशीनरी खरीदकर बिल कृषि विभाग के पास जमा करवा दिए हैं। अब उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसी प्रकार जिला में कस्टम हायरिंग सैंटर के लिए 119 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 97 स्वीकृत हो चुके हैं। इन्हें विभाग की ओर से 80 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि उप निदेशक डॉ. जसविन्द्र सिंह सैनी, सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन, एआईपीआरओ मनोज पाण्डेय सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।