छछरौली/यमुनानगर, 5 अक्तूबर :भीख मंगवाना, मांगना या भीख देना कानूनी अपराध है। अत: कोई भी व्यक्ति भीख के रूप में किसी बच्चे या व्यक्ति को कोई पैसा या राशि न दें। यदि कुछ देना ही है तो किसी बच्चे या व्यक्ति को खाने की कोई वस्तु दिलवा दें और वस्तु देते हुए भी यह सुनिश्चित कर ले कि खाद्य वस्तु पैकेट में बंद न हो।
यह अपील उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बालकुंज छछरौली में आयोजित जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी की बैठक के दौरान जिला वासियों से की। बैठक के उपरांत उन्होंने बालकुंज छछरौली में स्थित बालक व बालिकाओं के चिल्ड्रन होम तथा रैड क्रास बाल श्रम पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण किया और वहां पर रहने वाले बालकों-बालिकाओं एवं बच्चों से बातचीत की। उन्होंने बालकुज छछरौली की मैस यानि रसोईघर की चैकिंग भी की।
उपायुक्त ने बालकुंज छछरौली की जिला स्तरीय निरक्षण कमेटी की बैठक में जिला में स्थित ढाबा व रैस्टोरैंट संचालकों से भी अपील की है कि वे जिला में विभिन्न स्थानों पर भीख मांगने वाले बच्चों एवं लोगों के लिए खाना एवं भोजन उपलब्ध करवाने के लिए टोल फ्री नम्बर 1098 पर सम्पर्क करें व सम्बंधित अधिकारी ऐसे ढाबों एवं रैस्टरेंटो की सूची तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि बालकुंज छछरौली में कोई माता-पिता एवं संरक्षक स्वयं अपना या बालकुंज में रहने वाले अपने बच्चों का जन्मदिन मनाना चाहता है ऐसी भी शुरूआत की जाए ताकि यहां रहने वाले बच्चों को खुशी मिले।
उन्होंने कहा कि जिला में भीख मांगने वाले बच्चों का सर्वे करवाया जाएगा और बच्चों के हित में जो भी काम करें वह काम पूरे मन से करें। उन्होंने कहा कि यह सर्वें जगाधरी शहर, यमुनानगर शहर सभी खण्डों के कस्बों व गांवो में भी किया जाएगा और कोई भी भीख मांगने वाला बच्चा एवं व्यक्ति भूखा न सोए इसके लिए ढाबा एवं रेस्टोरैंट संचालकों से सेवा ली जाएगी। जिला में भीख मांगने वाले बच्चों की भलाई के लिए अनेकों कदम उठाए जाएंगे और उन्हें भीख मांगने के कार्य से हटाया जाएगा। इसके साथ ही इन बच्चों की शिक्षा के भी उचित प्रबंध किए जाएगे। इसके लिए उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को एस.ओ.पी. तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में स्पष्टï किया कि यदि बच्चों को सम्बङ्क्षधत अधिकारी सही सपना दिखा सकते है तो बच्चे व अन्य लोग भीख मांगना छोड़ सकते है। उन्होंने कहा कि हम बच्चों के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते बल्कि उन्हें एवं उनके माता-पिता व संरक्षकों को भीख की प्रवृति एवं कार्य को छोडऩे के लिए जागरूक कर सकते है और जागरूकता अभियान लम्बें समय तक जिला में चलाना होगा। इसके लिए सम्बंधित अधिकारियों और जिला वासियों को भीख वृति पर रोक लगाने के लिए आगे आना होगा। सबसे जरूरी है कि बच्चों को भीख मांगने के कार्य से हटाया जाए ताकि हर बच्चे के भविष्य को सुनहरा बनाया जा सकें तथा वह देश का एक सभ्य नागरिक बन सकें।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बैठक में बालकुंज के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि गुमशुदा होने वाले बच्चों की जानकारी हासिल करने के लिए एप्प भी तैयार करें। उन्होंने कहा कि भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए जिला में विशेष कदम उठाए जाएगे।
इस अवसर पर बाल कल्याण परिषद की सदस्या अल्का गर्ग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सीमा प्रसाद,जिला बाल सरंक्षण अधिकारी आंचल त्यागी, चिकित्सा अधिकारी डॉ सपना काम्बोज, चाईल्ड लाईन की निदेशक अंजू वाजपेयी, सुपरवाइजर नवदीप कौर, जिला बाल कल्याण अधिकारी सुखविन्द्र सिंह, संरक्षक अधिकारी अमरनाथ, सहायक सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी स्वर्ण सिंह जंजोटर सहित बालकुंज के कर्मचारी