सरकार कान खोलकर सुन ले, अगर10 साल भी आंदोलन करना पड़े तो करेंगे
चुनाव में वोट की चोट मारेंगे..प्रधानमंत्री की कोठी के सामने बैठ जाएंगे
पानीपत(NirmalSandhu)। भारी संख्या में पानीपत में किसान महापंचायत में किसान पहुंचे गुरनाम सिंह चढ़ूनी, राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता को बाइकों, ट्रैक्टरों के काफिले के साथ महापंचायत तक लाया गया।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मान सम्मान को प्राथमिकता देता है। हम धोखा नहीं देते और षडयंत्र नहीं रचते। धार्मिक झंडे का आंदोलन से कोई मतलब नहीं था। ये सभी सभी किसानों का आंदोलन है। आज किसान की फसल नहीं बिकती। धीरे धीरे एक-एक राज्य को मारने का प्लान है।
टिकैत ने कहा कि किसान की सड़क के पास जमीन नहीं बची। अगर होगी तो वो कमर्शियल काम नहीं कर सकता। सरकार कान खोलकर सुन ले, अगर दस साल भी आंदोलन करना पड़े तो करेंगे। सबसे ज्यादा जिम्मेदारी युवा किसानों के उपर है, उन्हें आगे आकर इस संघर्ष में हमारा साथ देना होगा। ये आमने-सामने की लड़ाई।
राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में भी गन्ना किसानों का बकाया समय पर नहीं दिया गया। इसलिए जब तक कानून वापसी नहीं होती आंदोलन यूं ही चलता रहेगा। किसान भाई ट्रैक्टर तैयार रखो, कभी भी दिल्ली में जरूरत पड़ सकती है। किसान दस महीने से वापिस नहीं आया। आगे भी वापिस नहीं आएगा। आपने गलत जगह पंगा लिया। किसान तो कबड्डी खेलने वाले हैं, कुश्ती खेलने वाले हैं। मिट्टी में खेलने वाले किसान हैं। हमें युवा साथियों का साथ चाहिए। फेसबुक और ट्विटर पर आंदोलन चलाओ। क्योंकि हमारा मुकाबला आईटी सेल से है। देश का युवा किसान इस आंदोलन से जुड़ा है। युवाओं को मोबाइल से भी जोड़ना है।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम शिफ्ट में काम करते हैं कोई सुबह आ जायेगा, कोई शाम को आ जाये। हमारे हौंसले बुलंद है इसलिए जितना जल्द कानून वापस लेंगे, उतना बेहतर रहेगा। अपना आंदोलन मजबूत रखो, चुनाव में वोट की चोट मारेंगे।
भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान अभी शांत है। अगर हमें क्रोध आ गया तो प्रधानमंत्री की कोठी के सामने बैठ जाएंगे। हमने वोट देकर सरकार बनाई। आपके पास बदलाव की भी ताकत गया। सरकार तो किसान ही बनाता है। लेकिन सरकार हमसे ही वोट लेकर हमें ही लठ मार रही है। उन्होंने कहा कि अगर आपको पुलिस गिरफ्तार करने आती है तो उसे वहीं बैठा लें। हमें अपनी अंगुली टेढ़ी भी करनी आती है। जो किसान देश की जीडीपी में अहम भूमिका निभाता है। आज उसी किसान को लूटा जा रहा है। किसान को 70 साल से लूटा जा रहा है। कनपट्टी पर बंदूक रखकर नहीं, ब्लकि कानून बनाकर। इसलिए आज देश को बड़े बदलाव की जरूरत है।