फर्जी कस्टमर केयर बनकर लोगों के पैसे उड़ा रहे साइबर अपराधी, ऐसे करें फेक नम्बरों की पहचान- पुलिस अधीक्षक करनाल,
ठगी का शिकार होने पर हैल्पलाइन नम्बर 155260 या ऑनलाइन पोर्टल cybercrime.gov.in पर जरूर करें शिकायत,
04 अक्टूबर 2021 तकनीकि के इस युग में साइबर अपराधी भी अपराध करने के नये-2 तरीके अपना रहे हैं। जिसमें एक तरीका फर्जी कस्टमर केयर बनकर लोगों के रूप्ये ठगना है। साइबर अपराधी फर्जी कस्टमर केयर नंबरों के जरिये आम लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। आम लोग किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर पाने के लिये गूगल का सहारा लेते हैं। ऐसा करते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी आपकी एक चूक की ताक में बैठे हुए हैं। फेसबुक और ट्विटर से लेकर गूगल तक ये अपराधी फेक कस्टमर केयर नम्बर डालकर रखते हैं। आपने जरा सी गलती की और आप साइबर अपराधियों के जाल में फस जाते हैं। साइबर अपराधी किसी बैंक, कंपनी या संस्था की वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट बनाने से लेकर सोशल साइटों व गूगल मैप आदि पर गलत नम्बर डालकर रखते हैं। जिस कारण लोग असल और फेक वेबसाइटों में अंतर नही कर पाते है और इन नम्बरों को ही अधिकारिक नम्बर समझ लेते हैं व ऐसे लोगों के झांसे में आकर धोखाधडी का शिकार हो जाते हैं।
*जरूरी सावधानियां, जिन्हें अपनाकर आप गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नम्बरों की पहचान कर सकते है और ठगी होने से बच सकते हैं-*
1. गूगल पर कुछ भी सर्च करते समय रिजल्ट में सबसे ऊपर दिख रही वेबसाइट को ही सही नहीं मानें।
2. सर्च में सबसे ऊपर के रिजल्ट के साथ यदि Ad/Sponsored लिखा दिख रहा है तो उस पर क्लिक करने से परहेज करें।
3. यदि कोई सरकारी वेबसाइट है तो उसके अंत में gov.in या nic.in जरूर होगा। ऐसा है तो वेबसाइट ठीक है।
4. कोई भी वेबसाइट खोलें तो यह अवश्य जांच लें कि वह सिक्योर है या नहीं। जिस वेबसाइट की शुरूआत में https है तो वह सुरक्षित है।
5. गूगल मैप के रिजल्ट पर कभी भरोसा नहीं करें। इसे कोई भी एडिट कर सकता है।
6. ट्विटर और फेसबुक पर ब्लूटिक जरूर चेक करें। अगर ये वैरिफायड है तो सुरक्षित हैं।
7. सोशल मीडिया पर अपराधी, लोगों की शिकायतों पर नजर रखते हैं। आपके शिकायत करते ही इनबॉक्स में कस्टमर केयर बनकर वे अपना नम्बर दे सकते हैं। ध्यान रखें कि कोई भी संस्थान सीधे इनबॉक्स में नहीं आता है।
8. सबसे महत्वपूर्ण है कि लोभ ना करें। आज के समय में अपराधी सस्ता लोन ऑफर करने की वेबसाइट बनाकर ठगी कर रहे हैं।
9. अंतिम और जरूरी बात कि किसी से भी कार्ड नम्बर, सीवीवी, कार्ड का पिन, नेट बैंकिंग का पासवर्ड व ओटीपी आदि शेयर ना करें।
*साइबर ठगी के शिकार होने पर ऐसे करें शिकायतः-*
- ठगी का शिकार होने पर सबसे पहले बैंक को असली वेबसाइट के माध्यम से या ईमेल के माध्यम से सूचित करें। सभी बैंकों के ऐप में भी शिकायत करने की सुविधा दी जाती है। पेटीएम, फोनपे जैसे ऐप से ठगी होने पर इप कंपनियों को उनकी वेबसाइट या ऐप से बतायें। *सरकार ने भी बढ़ते साइबर ठगी को लेकर एक हैल्पलाइन नम्बर 155260 की शुरूआत की है। ठगी का शिकार होने पर इस नम्बर पर अवश्य शिकायत करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते है। इसके अलावा नजदीकि पुलिस चौकी या पुलिस थानों में भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।* ध्यान रहे कि आप घटना के जितने कम समय बाद शिकायत करेंगे, आपका पैसा वापिस होने के चांसेज उतने ही अधिक होंगे।