सालों से ढंढूर डंपिंग स्टेशन पर लगे कचरे के ढेर का होगा निस्तारण, महापौर व निगमायुक्त ने शुरू करवाया प्लांट
– गुरूग्राम की एजेंसी करेंगी 1लाख 30 हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण
हिसार।
सालों से ढंढूर डंपिंग स्टेशन शहर का कचरा डालने से कचरे का पहाड़ बन गया था। इस कचरे के पहाड़ को खत्म करने को लेकर निगम प्रशासन ने एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी थी। सोमवार को महापौर गौतम सरदाना व निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने प्लांट शुरू कर कचरा निस्तारण का कार्य शुरू करवाया। इस दौरान एक्सईन एच के शर्मा, एमई अमित बेरवाल, जेई प्रवीण शर्मा, एजेंसी के डारेक्टर चिराग, सीएसआई देवेंद्र बिश्नोई आदि मौजूद रहे।
महापौर गौतम सरदाना ने कहा कि ढंढूर डंपिंग साइट से कूड़े के निस्तारण का कार्य आज शुरू किया गया है। गुरुग्राम की एजेंसी द्वारा 1 साल के अंदर अंदर इस कूड़े का निस्तारण कर दिया जाएगा। डंपिंग साइट के खत्म होने से आसपास के ग्रामीणों को लाभ होगा। महापौर ने कहा कि शहर में इस प्रकार के कूड़े के पहाड़ दोबारा न बने। इसको लेकर सभी शहरवासियों को जागरूक होना होगा। गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग करना है। प्लास्टिक का प्रयोग पूर्णतया बंद करना होगा। तभी हम कचरे के पहाड़ को बनने से रोक सकते है।
नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि गुरुग्राम की आईएनडी सेनिटेशन प्राइवेट लिमिटेड को कचरा निस्तारण का टेंडर दिया गया है। ढंढूर डंपिंग स्टेशन पर अनुमानित 1 लाख 30 हजार मीट्रिक टन कचरा है। एजेंसी ने अपना प्लांट लगा लिया है, जिसे आज शुरू किया गया है। एजेंसी की ओर से प्रतिदिन 1 हजार टन कचरे का निस्तारण किया जाएगा। निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि ढंढूर डंपिंग स्टेशन जैसे कचरे के पहाड़ शहर में दोबारा देखने को न मिले। इस दिशा में शहरवासियों को जागरूक होना होगा। गीले व सूखे कूड़े को अपने घर से ही अलग अलग करना होगा। यदि हम ऐसा करेंगे तो कूड़े के पहाड़ देखने को नही मिलेंगे। क्योंकि गीले कूड़े यानी किचन वेस्ट व सब्जियों व फलों के छिलकों से खाद बनाई जा सकती है। जबकि कई प्रकार के सूखे कूड़े का रियूज किया जा सकता है। यदि शहरवासी गीले व सूखे कूड़े को अलग अलग करेंगे तो शहर में कूड़े के पहाड़ देखने को नहीं मिलेंगे।
सालों से ढंढूर डंपिंग स्टेशन पर लगे कचरे के ढेर का होगा निस्तारण, महापौर व निगमायुक्त ने शुरू करवाया प्लांट
– गुरूग्राम की एजेंसी करेंगी 1लाख 30 हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण
हिसार।
सालों से ढंढूर डंपिंग स्टेशन शहर का कचरा डालने से कचरे का पहाड़ बन गया था। इस कचरे के पहाड़ को खत्म करने को लेकर निगम प्रशासन ने एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी थी। सोमवार को महापौर गौतम सरदाना व निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने प्लांट शुरू कर कचरा निस्तारण का कार्य शुरू करवाया। इस दौरान एक्सईन एच के शर्मा, एमई अमित बेरवाल, जेई प्रवीण शर्मा, एजेंसी के डारेक्टर चिराग, सीएसआई देवेंद्र बिश्नोई आदि मौजूद रहे।
महापौर गौतम सरदाना ने कहा कि ढंढूर डंपिंग साइट से कूड़े के निस्तारण का कार्य आज शुरू किया गया है। गुरुग्राम की एजेंसी द्वारा 1 साल के अंदर अंदर इस कूड़े का निस्तारण कर दिया जाएगा। डंपिंग साइट के खत्म होने से आसपास के ग्रामीणों को लाभ होगा। महापौर ने कहा कि शहर में इस प्रकार के कूड़े के पहाड़ दोबारा न बने। इसको लेकर सभी शहरवासियों को जागरूक होना होगा। गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग करना है। प्लास्टिक का प्रयोग पूर्णतया बंद करना होगा। तभी हम कचरे के पहाड़ को बनने से रोक सकते है।
नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि गुरुग्राम की आईएनडी सेनिटेशन प्राइवेट लिमिटेड को कचरा निस्तारण का टेंडर दिया गया है। ढंढूर डंपिंग स्टेशन पर अनुमानित 1 लाख 30 हजार मीट्रिक टन कचरा है। एजेंसी ने अपना प्लांट लगा लिया है, जिसे आज शुरू किया गया है। एजेंसी की ओर से प्रतिदिन 1 हजार टन कचरे का निस्तारण किया जाएगा। निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि ढंढूर डंपिंग स्टेशन जैसे कचरे के पहाड़ शहर में दोबारा देखने को न मिले। इस दिशा में शहरवासियों को जागरूक होना होगा। गीले व सूखे कूड़े को अपने घर से ही अलग अलग करना होगा। यदि हम ऐसा करेंगे तो कूड़े के पहाड़ देखने को नही मिलेंगे। क्योंकि गीले कूड़े यानी किचन वेस्ट व सब्जियों व फलों के छिलकों से खाद बनाई जा सकती है। जबकि कई प्रकार के सूखे कूड़े का रियूज किया जा सकता है। यदि शहरवासी गीले व सूखे कूड़े को अलग अलग करेंगे तो शहर में कूड़े के पहाड़ देखने को नहीं मिलेंगे।