सिंधु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या के 4 आरोपी गिरफ्तार  

सिंधु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या के 4 आरोपी गिरफ्तार

 

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सोनीपत। सिंधु बॉर्डर पर तरनतारन के गांव चीमा के रहने वाले लखबीर सिंह की हत्या के मामले में 4 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। शनिवार शाम को पुलिस ने भगवंत सिंह और गोविंद सिंह नाम के 2 निहंगों को हिरासत में लिया। इससे पहले शनिवार दोपहर को दिल्ली के निहंग नारायण सिंह ने सरेंडर कर दिया था। वहीं हत्या के 15 घंटे बाद शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह ने भी सरेंडर किया था। दिल्ली के निहंग नारायण सिंह को सरेंडर के बाद अमृतसर के देवीदास पुरा गुरुद्वारे के बाहर से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि नारायण सिंह के अमृतसर पहुंचने की खबर मिलते ही इलाके को घेर लिया गया था। गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। वहीं सबसे पहले सरेंडर करने वाले सरबजीत को सिंधु बॉर्डर के डेरे से ही हिरासत में लिया गया था।

तलवार से काट दिया लखबीर का पैर

 

निहंग नारायण सिंह ने कबूल किया कि उसने मरने वाले लखबीर सिंह का पैर काटा। निहंग ने बताया कि वह दशहरा मनाने के लिए अमृतसर से निकला था। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे सिंधु बॉर्डर पर पहुंचा। वहां इकट्‌ठे हुए लोगों ने उसकी गाड़ी पर हाथ मारने शुरू कर दिए। बाहर निकलने पर लोगों ने बताया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है। उसने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या लखबीर अभी तक जिंदा है। उसने जब लखबीर को देखा, तो उसका हाथ कटा हुआ था। इसके बाद नारायण ने तलवार से लखबीर का पैर काट दिया। आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

 

जो किया, ठीक किया, लखबीर की हत्या का कोई मलाल नहीं

 

अमृतसर में हिरासत में लिए गए निहंग नारायण सिंह ने कहा, ‘लखबीर सिंह ने गुरु का अपमान किया था, इसलिए उन्होंने जो किया, ठीक किया। अगर सरबजीत सिंह कसूरवार है, तो मैं भी कसूरवार हूं। मैंने भी सरबजीत सिंह का उतना ही सहयोग किया है। 2014 से गुरुओं का अपमान हो रहा है। गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की कितनी घटनाएं सामने आईं, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं दिया। एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना में आरोपी को सरेआम पकड़ लिया गया और उस समय जो ठीक लगा, निहंग जत्थेबंदियों ने वही किया। ऐसे में मैं भी उतना ही कसूरवार हूं, जितना सरबजीत।’

सिंधु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या के 4 आरोपी गिरफ्तार

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सोनीपत। सिंधु बॉर्डर पर तरनतारन के गांव चीमा के रहने वाले लखबीर सिंह की हत्या के मामले में 4 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। शनिवार शाम को पुलिस ने भगवंत सिंह और गोविंद सिंह नाम के 2 निहंगों को हिरासत में लिया। इससे पहले शनिवार दोपहर को दिल्ली के निहंग नारायण सिंह ने सरेंडर कर दिया था। वहीं हत्या के 15 घंटे बाद शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह ने भी सरेंडर किया था। दिल्ली के निहंग नारायण सिंह को सरेंडर के बाद अमृतसर के देवीदास पुरा गुरुद्वारे के बाहर से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि नारायण सिंह के अमृतसर पहुंचने की खबर मिलते ही इलाके को घेर लिया गया था। गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। वहीं सबसे पहले सरेंडर करने वाले सरबजीत को सिंधु बॉर्डर के डेरे से ही हिरासत में लिया गया था।
तलवार से काट दिया लखबीर का पैर

निहंग नारायण सिंह ने कबूल किया कि उसने मरने वाले लखबीर सिंह का पैर काटा। निहंग ने बताया कि वह दशहरा मनाने के लिए अमृतसर से निकला था। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे सिंधु बॉर्डर पर पहुंचा। वहां इकट्‌ठे हुए लोगों ने उसकी गाड़ी पर हाथ मारने शुरू कर दिए। बाहर निकलने पर लोगों ने बताया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है। उसने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या लखबीर अभी तक जिंदा है। उसने जब लखबीर को देखा, तो उसका हाथ कटा हुआ था। इसके बाद नारायण ने तलवार से लखबीर का पैर काट दिया। आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

जो किया, ठीक किया, लखबीर की हत्या का कोई मलाल नहीं

अमृतसर में हिरासत में लिए गए निहंग नारायण सिंह ने कहा, ‘लखबीर सिंह ने गुरु का अपमान किया था, इसलिए उन्होंने जो किया, ठीक किया। अगर सरबजीत सिंह कसूरवार है, तो मैं भी कसूरवार हूं। मैंने भी सरबजीत सिंह का उतना ही सहयोग किया है। 2014 से गुरुओं का अपमान हो रहा है। गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की कितनी घटनाएं सामने आईं, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं दिया। एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना में आरोपी को सरेआम पकड़ लिया गया और उस समय जो ठीक लगा, निहंग जत्थेबंदियों ने वही किया। ऐसे में मैं भी उतना ही कसूरवार हूं, जितना सरबजीत।’

सिंधु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या के 4 आरोपी गिरफ्तार

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सोनीपत। सिंधु बॉर्डर पर तरनतारन के गांव चीमा के रहने वाले लखबीर सिंह की हत्या के मामले में 4 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। शनिवार शाम को पुलिस ने भगवंत सिंह और गोविंद सिंह नाम के 2 निहंगों को हिरासत में लिया। इससे पहले शनिवार दोपहर को दिल्ली के निहंग नारायण सिंह ने सरेंडर कर दिया था। वहीं हत्या के 15 घंटे बाद शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह ने भी सरेंडर किया था। दिल्ली के निहंग नारायण सिंह को सरेंडर के बाद अमृतसर के देवीदास पुरा गुरुद्वारे के बाहर से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि नारायण सिंह के अमृतसर पहुंचने की खबर मिलते ही इलाके को घेर लिया गया था। गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। वहीं सबसे पहले सरेंडर करने वाले सरबजीत को सिंधु बॉर्डर के डेरे से ही हिरासत में लिया गया था।
तलवार से काट दिया लखबीर का पैर

निहंग नारायण सिंह ने कबूल किया कि उसने मरने वाले लखबीर सिंह का पैर काटा। निहंग ने बताया कि वह दशहरा मनाने के लिए अमृतसर से निकला था। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे सिंधु बॉर्डर पर पहुंचा। वहां इकट्‌ठे हुए लोगों ने उसकी गाड़ी पर हाथ मारने शुरू कर दिए। बाहर निकलने पर लोगों ने बताया कि लखबीर ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है। उसने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या लखबीर अभी तक जिंदा है। उसने जब लखबीर को देखा, तो उसका हाथ कटा हुआ था। इसके बाद नारायण ने तलवार से लखबीर का पैर काट दिया। आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई।

जो किया, ठीक किया, लखबीर की हत्या का कोई मलाल नहीं

अमृतसर में हिरासत में लिए गए निहंग नारायण सिंह ने कहा, ‘लखबीर सिंह ने गुरु का अपमान किया था, इसलिए उन्होंने जो किया, ठीक किया। अगर सरबजीत सिंह कसूरवार है, तो मैं भी कसूरवार हूं। मैंने भी सरबजीत सिंह का उतना ही सहयोग किया है। 2014 से गुरुओं का अपमान हो रहा है। गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की कितनी घटनाएं सामने आईं, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं दिया। एक भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना में आरोपी को सरेआम पकड़ लिया गया और उस समय जो ठीक लगा, निहंग जत्थेबंदियों ने वही किया। ऐसे में मैं भी उतना ही कसूरवार हूं, जितना सरबजीत।’