जिले के लोगों को डेंगू से बचाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती भरा कार्य हो रहा है। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग दवा पूरी तैयारियों का कर रहा है, लेकिन डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही डेंगू के 30 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक जिले में 40 केस हो चुके हैं
शहर में फॉगिंग का कार्य नगर परिषद के जिम्मे है। लेकिन नगर परिषद के पास जो फॉगिंग मशीन है, वह बहुत बड़ी है और घरों के अंदर फॉगिंग नहीं कर सकती। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास फॉगिंग की केवल एक ही मशीन है। उसके लिए भी तेल की समस्या बनी हुई है। एक मशीन से शहर में फॉगिंग का कार्य पूरा कर पाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार शहर की विभिन्न कॉलोनियों और गांवों में जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक तो करती हैं, लेकिन केवल जागरूकता से काम चलने वाला नहीं है। डेंगू के लार्वा को खत्म करना भी जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका फॉगिंग ही है। जिला प्रशासन ने पंचायतों को फॉगिंग मशीनें उपलब्ध करवाई हुई हैं। जिले में 299 गांव हैं, जबकि फॉगिंग मशीनें 66 पंचायतों के पास हैं। इनमें से भी अधिकतर कार्य नहीं कर रही हैं। दो साल पहले पंचायतों ने फॉगिंग मशीन खरीदी थी। वहीं शहर में फॉगिंग का कार्य नगर परिषद के जिम्मे है। नगर परिषद के पास एक ही मशीन है, जो बाहर गलियों व सड़कों पर फॉगिंग कर सकती है। डेंगू का जो मच्छर है, वह घरों के अंदर मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के पास घरों के अंदर फॉगिंग करने के लिए एक छोटी मशीन है। जहां पर डेंगू के केस सामने आते हैं, वहां पर स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग करवाता है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर फॉगिंग नहीं हो पाती है। इस कारण डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास जो मशीन है, उसमें खर्च होने वाले तेल के लिए बजट की भी समस्या है। इसके लिए सिविल सर्जन से विशेष अनुमति ली गई है। डेंगू पर काबू पाने के लिए पूरे शहर व गांवों में फॉगिंग कराने की जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग केवल उन्हीं जगहों पर फॉगिंग करवा रहा है, जहां पर डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं।
नहीं आई कोई रिपोर्ट, बढ़ सकते हैं मामले
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू सैंपलों की जांच नहीं की, क्योंकि सैंपलों की संख्या बहुत कम है। यदि सैंपलों की संख्या बढ़ाई जाए तो डेंगू पॉजिटिव की संख्या भी बढ़ जाएगी। सैंपलों की संख्या बढ़ाने से स्वास्थ्य विभाग बच रहा है।
डिप्टी सिविल सर्जन, मलेरिया डॉ. तीर्थ बागड़ी ने बताया कि बुखार पीड़ितों के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई जा रही है। कोई भी बुखार पीड़ित खुद नागरिक अस्पताल में आकर डेंगू जांच करवा सकता है। जहां-जहां डेंगू के केस मिले हैं, उन घरों व आसपास के घरों में फॉगिंग करवाई जा रही है। शहर में फॉगिंग का जिम्मा नगर परिषद का है। नगर परिषद को पत्र फॉगिंग के लिए पत्र लिखे जा चुके हैं। पंचायतों से भी गांवों में फॉगिंग करवाने के लिए कह दिया है।जिले के लोगों को डेंगू से बचाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती भरा कार्य हो रहा है। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग दवा पूरी तैयारियों का कर रहा है, लेकिन डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही डेंगू के 30 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक जिले में 40 केस हो चुके हैं
शहर में फॉगिंग का कार्य नगर परिषद के जिम्मे है। लेकिन नगर परिषद के पास जो फॉगिंग मशीन है, वह बहुत बड़ी है और घरों के अंदर फॉगिंग नहीं कर सकती। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास फॉगिंग की केवल एक ही मशीन है। उसके लिए भी तेल की समस्या बनी हुई है। एक मशीन से शहर में फॉगिंग का कार्य पूरा कर पाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार शहर की विभिन्न कॉलोनियों और गांवों में जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक तो करती हैं, लेकिन केवल जागरूकता से काम चलने वाला नहीं है। डेंगू के लार्वा को खत्म करना भी जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका फॉगिंग ही है। जिला प्रशासन ने पंचायतों को फॉगिंग मशीनें उपलब्ध करवाई हुई हैं। जिले में 299 गांव हैं, जबकि फॉगिंग मशीनें 66 पंचायतों के पास हैं। इनमें से भी अधिकतर कार्य नहीं कर रही हैं। दो साल पहले पंचायतों ने फॉगिंग मशीन खरीदी थी। वहीं शहर में फॉगिंग का कार्य नगर परिषद के जिम्मे है। नगर परिषद के पास एक ही मशीन है, जो बाहर गलियों व सड़कों पर फॉगिंग कर सकती है। डेंगू का जो मच्छर है, वह घरों के अंदर मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के पास घरों के अंदर फॉगिंग करने के लिए एक छोटी मशीन है। जहां पर डेंगू के केस सामने आते हैं, वहां पर स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग करवाता है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर फॉगिंग नहीं हो पाती है। इस कारण डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास जो मशीन है, उसमें खर्च होने वाले तेल के लिए बजट की भी समस्या है। इसके लिए सिविल सर्जन से विशेष अनुमति ली गई है। डेंगू पर काबू पाने के लिए पूरे शहर व गांवों में फॉगिंग कराने की जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग केवल उन्हीं जगहों पर फॉगिंग करवा रहा है, जहां पर डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं।
नहीं आई कोई रिपोर्ट, बढ़ सकते हैं मामले
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू सैंपलों की जांच नहीं की, क्योंकि सैंपलों की संख्या बहुत कम है। यदि सैंपलों की संख्या बढ़ाई जाए तो डेंगू पॉजिटिव की संख्या भी बढ़ जाएगी। सैंपलों की संख्या बढ़ाने से स्वास्थ्य विभाग बच रहा है।
डिप्टी सिविल सर्जन, मलेरिया डॉ. तीर्थ बागड़ी ने बताया कि बुखार पीड़ितों के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई जा रही है। कोई भी बुखार पीड़ित खुद नागरिक अस्पताल में आकर डेंगू जांच करवा सकता है। जहां-जहां डेंगू के केस मिले हैं, उन घरों व आसपास के घरों में फॉगिंग करवाई जा रही है। शहर में फॉगिंग का जिम्मा नगर परिषद का है। नगर परिषद को पत्र फॉगिंग के लिए पत्र लिखे जा चुके हैं। पंचायतों से भी गांवों में फॉगिंग करवाने के लिए कह दिया है।