हरियाणा के करनाल में इंद्री और अन्य शहरों में सरकार को लगाई जा रही करोड़ों की चपत देखिए कैसे काटे जाते हैं फर्जी बिल

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के नाम पर सरकार को लगा रहे करोड़ों की चपत

सरकार ने ब्लैक मनी रोकने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू करवाई और इसमें कई तरह की सुविधाएं जैसे कि करंट अकाउंट को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जोड़ा गया और सेविंग अकाउंट को भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जोड़ा गया और इसमें  phone py,  paytm, bhim app या अन्य तरह के है आपका ऐप का चलन हुआ इसमें कहीं बड़े-बड़े व्यापारी जो कि अपने करंट अकाउंट से इन ऐप को जुड़े हुए हैं और आजकल हालात ऐसे बन चुके हैं कि लोग सरकार को चपत लगाने से बाज नहीं आ रहे इनकम टैक्स बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए हैं जैसा कि पक्के बिल पर माल बाहर भेजना और माल वहां पहुंचने के बाद उस बिल को कैंसिल किया जाता है और उसके बाद वह उस बिल  पर माल को दोबारा कहीं और भेजा जाता है और फिर वह बिल कैंसिल कर दिया जाता है

हालात ऐसे हो चुके हैं कि अब नगद पैसे का चलन हो रहा है

मार्केट में जाते हैं और सामान खरीदते हैं और सामान खरीदने के बाद जब हम उनसे पूछते हैं कि कि अपना पेटीएम नंबर यह गूगल पर बताएं हम उस पर ऑनलाइन पेमेंट करेंगे लेकिन दुकानदारों के हालात ऐसे हैं कि वह कहते हैं कि आप हमें नगद ही दे दो क्योंकि हमारा कोई भीम ऐप पेटीएम या कोई ऑनलाइन उपक्रम नहीं है यह हालात हो चुके हैं दुकानदारों के और करनाल और इंद्री जैसे शहरों के अंदर यह हालात बहुत बढ़ रहे हैं और नगदी लेकर फर्जी बिल काटे जाते हैं इस तरह सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जाता है और यह भार मध्यमवर्गीय लोगों को सहना पड़ता है लगभग 20 से 30% दुकानदार अपनी दुकानों पर ऑनलाइन पेमेंट के उपक्रम के स्टीकर लगाकर रखते हैं लेकिन जो की बड़े होलसेलर या ट्रेडर होते हैं उनकी दुकानों पर बहुत ही कम ऑनलाइन उपक्रम के स्टीकर नहीं मिलते और हरियाणा के करनाल जैसे शहरों में या उसके आसपास के लगते हलकों में इंद्री घरौंडा करनाल असंध निसंग जैसे एरिया में बड़े व्यापारी सरकार को चूना लगाने से भी नहीं चूकते हैं अगर अपने करंट अकाउंट से अटैच उपक्रम या ऑनलाइन पेमेंट डलवा ते हैं तो उन्हें इसमें से हर बार इनकम टैक्स रिटर्न भरनी पड़ती है इसलिए वह ऐसा करने से नहीं चूकते और आपने अकाउंटेंट के कहने पर फर्जी बिल काटते रहते हैं और जिसका सारा भार मध्यम वर्ग के लोगों पर पढ़ता रहता है और बड़े में पारी अपनी जेब भरते रहते हैं यह हालात हरियाणा के बड़े-बड़े शहरों में हैं और करनाल उसके आसपास के शहरों में भी यही हालात है कृपया सरकार इस चीज की जांच करें और सभी भाइयों से अनुरोध है कि आप जो भी चीज खरीद रहे हो वह इंक्लूड टैक्स है और जो आप पैसे दे रहे हो वह भी इंक्लूड टैक्स के साथ है अगर आप उन्हें नगद पेमेंट देते हो तो पक्का बिल जरूर ले नहीं तो ऑनलाइन अकाउंट में डालें अगर फिर भी नहीं माने तो पासके इनकम टैक्स ऑफिस पर की शिकायत करें

 

 

 

 

 

करनाल पुलिस की साइबर टीम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर चौपाल लगाकर आमजन को साइबर अपराधों के प्रति किया जागरूक, 

 

करनाल पुलिस की साइबर टीम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर चौपाल लगाकर आमजन को साइबर अपराधों के प्रति किया जागरूक,

 

*साइबर ठगी से पीडित व्यक्ति को बिना देरी के न्याय दिलाने के लिये जिले के प्रत्येक थानों में स्थापित की गई है साइबर डेस्क,*

 

03 नबम्वर 2021 पूरे भारतवर्ष में अक्टूबर माह को “साइबर क्राईम जागरूकता माह” के तौर पर बनाया गया है। केवल एक माह के साइबर क्राईम जागरूकता अभियान से हम साईबर क्राईम को खत्म करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर सकते हैं। अपने इस लक्ष्य को पाने के लिये हमें खुद समय-2 पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को तकनीकि, साइबर अपराध व साइबर अपराध से बचाव के बारे में जानकारी देकर जागरूक करते रहना है। इसी के तहत करनाल पुलिस पिछले एक माह से समय-2 पर स्कूलों में जाकर कैम्प लगाकर विधार्थियों को, गांवों में जाकर चौपाल लगाकर ग्राम वासियों को व सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को लोगों को इक्ट्ठा करके साइबर क्राईम के प्रति जागरूक कर रही है।

 

इसी क्रम में आज दिनांक 03 नबम्वर 2021 को करनाल पुलिस की साईबर टीम द्वारा करनाल में सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को इक्कट्ठा करके साइबर अपराधों व उनसे बचाव बारे जागरूक किया गया। लोगों को बताया गया कि साइबर अपराध एक अपराधिक कृत्य है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण रखने व उससे बचने के लिये लोगों को स्वंय जागरूक होना व दूसरों को जागरूक करना जरूरी है। लोगों को बताया गया कि फेसबुक, वॉटसअप या मेल पर आये किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें, इसके माध्यम से हैकर आपके फोन को हैक करके आपके बैंक खाते से आपकी सारी जमा पूंजी को उड़ा सकते है। कोई व्यक्ति आपको फोन कॉल या सोशल साईट्स के माध्यम से लॉटरी निकलने और उसको प्राप्त करने के लिये कुछ रूप्यों की मांग करना लोगों के साथ एक धोखा होता है। ऑनलाइन शापिंग साइट्स पर शॉपिंग करते समय यह ध्यान रखें कि शॉपिंग साइट सुरक्षित व अधिकृत है। ऑनलाइन शापिंग साइट्स पर सस्ता सामान मिलने के लालच में ना आयें, पहले वैरिफाई कर लें। किसी को भी अपने कार्ड नम्बर, सीवीवी व ओटीपी आदि किसो को नहीं बताने चाहिएं। किसी भी ऐपलिकेशन को डाउनलोड करने से पहले उसे अच्छी तरह से वैरिफाई कर लेना चाहिए। किसी भी सूरत में पासवर्ड सरल ना बनाएं। हमेशा एक मजबूत पासवर्ड होना चाहिए। अपने लैपटॉप व कम्प्यूटर को हमेशा पासवर्ड लगा कर रखना चाहिए। इस तरह की सावधानियां अपना कर हम सम्भावित साइबर अपराध होने से बच सकते हैं।

 

साइबर अपराध व साइबर फ्रॉड होने की स्थिती में साइबर क्राईम राष्ट्रीय हैल्पलाईन नम्बर 155260 या ऑनलाईन पोर्टल cybercrime.gov.in पर ऑनलाईन शिकायत कर सकते हैं। *इसके अलावा जिला करनाल के प्रत्येक पुलिस थाने में इसी माह से स्थापित की गई साइबर डेस्क पर जाकर शिकायत कर सकते हैं। साइबर डेस्क स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य साइबर ठगी से पीडित व्यक्ति को बिना देरी के न्याय दिलाना है। साइबर ठगी से पीडित व्यक्ति बिना देरी के व इधर-उधर भागदौड करने के वजाय सीधे थाने में स्थापित साइबर डेस्क पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।* इस अवसर पर करनाल पुलिस की साइबर टीम में जिला साइबर सैल से सिपाही रौनक, प्रदीप व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।