नई दिल्ली. भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने देश में सड़क निर्माण के ठेकों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड्स (Surety Bonds) पेश करने की व्यवाहरिकता की पड़ताल करने का फैसला किया है. कोरोना संकट (Coronavirus in India) के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े असर के कारण बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में कैश फ्लो और नकदी की समस्या को देखते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बीमा नियामक से जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड पेश करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया था.
इरडा ने गठित किया 9 सदस्यों वाला कार्यसमूह
मंत्रालय के अनुरोध के बाद इरडा ने सड़क निर्माण के ठेकों के लिए सियोरिटी बॉन्ड (Surety Bonds) लाने की कानूनी रूपरेखा (Legal Framework) और बीमा कंपनियों या किसी दूसरे सेक्टर के लिए इनकी उपयुक्तता (Suitability) का अध्ययन करने को 9 सदस्यों वाले कार्यसमूह (Working Group) का गठन कर दिया है. बीमा नियामक ने एक सर्कुलर में बताया है कि नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी के डायरेक्टर जी. श्रीनिवासन की अध्यक्षता में गठित इस कार्यसमूह में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों और इरडा से सदस्य शामिल किए गए हैं.
ये भी पढ़ें- बदल गया SBI ATM से कैश निकालने का नियम, अब OTP की होगी जरूरत, जानिए इसके बारे में सबकुछ
इंश्योरेंस कंपनियां जारी नहीं करतीं ऐसे बॉन्ड्स
भारतीय बाजार में फिलहाल ठेकेदारों (Contractor) के लिए इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से सियोरिटी बॉन्ड्स जारी नहीं किए जाते हैं. सियोरिटी बॉन्ड एक ठेकेदार के किसी प्रोजेक्ट को संतोषजनक तरीके से पूरा करने और विभिन्न सरकारी एजेंसियों को प्रदर्शन सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराता है. वहीं, बीमा का कानूनी या नियामकीय फ्रेमवर्क बॉन्ड के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होने के कारण प्रदर्शन की गारंटी देने की अनुमति नहीं देता है. हालांकि, इरडा का कहना है कि बैंक अनुबंध सुरक्षा और प्रदर्शन प्रतिज्ञाओं को पूरा करने के लिए ठेकेदारों को बैंक गारंटी जारी करते रहे हैं.
यह भी पढ़ें: अंधेरे में डूब जाएगा ‘कंगाल’ पाकिस्तान! आवाम को खुद इमरान खान ने दिया ये झटका
कोविड-19 के कारण ऑनलाइन मीटिंग करेगा कार्यसमूह
कार्यसमूह से अनुरोध किया गया है कि सड़क निर्माण के ठेकों के लिए सियोरिटी बॉन्ड (Surety Bonds) लाने की कानूनी रूपरेखा (Legal Framework) और बीमा कंपनियों या किसी दूसरे सेक्टर के लिए इनकी उपयुक्तता (Suitability) का अध्ययन करने को कहा गया है. कार्यसमूह को तीन महीने के भीतर इस बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इरडा ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए कार्यसमूह ऑनलाइन मीटिंग करेगा.