करोड़ों रुपये की चोरी के मामले में गुरुग्राम की एक अदालत ने शुक्रवार को निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया समेत तीन लोगों को भगोड़ा घोषित करार दिया है।
इसके साथ ही अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने भी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत तीनों भगोड़ों की संपत्तियों को जब्त का आदेश भी दिया है।
जिला अदालत ने जिन तीन लोगों को भगोड़ा घोषित किया है, सेतिया समेत गैंगस्टर विकास लगारपुरिया और चेतन मान भी शामिल है।
कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है इस संबंध में संबंधित थाने के एसएचओ के साथ ही गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) को भी सूचना भेजी जाए. और इन आरोपियों के खिलाफ भी आगे की कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
गुरुग्राम के स्पेशल टास्क फोर्स के उपाधीक्षक सुरेंद्र कुमार को निर्देश दिया जाता है कि मामले की सुनवाई की अगली तारीख को इन आरोपियों की संपत्तियों का ब्योरा कोर्ट में पेश किया जाए. जिसके कारण कोर्ट दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत कार्यवाही शुरू कर सके।” पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने अदालत से तीनों आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था।
ये है मामला
गौरतलब है कि पिछले साल 2 अगस्त को खेरकीदौला थाना क्षेत्र के एक फ्लैट से करोड़ों की चोरी हुई थी। जिसकी रिपोर्ट 20 अगस्त 2021 को दाखिल की गई थी। इस मामले में आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया के शामिल होने के आरोपों के चलते सरकार ने जांच एसआईटी को सौंप दी थी। इस मामले की जांच में एसटीएफ ने गुरुग्राम में तैनात डीसीपी साउथ धीरज सेतिया को दोषी ठहराया है।
एसटीएफ की जांच में उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था लेकिन वह आए नहीं। इसके बाद कोर्ट में भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में अब तक 12 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।