भागदौड़ भरी जिंदगी, बढ़ती महंगाई, नाकाफी रोजगार और बीमारियों के खतरे के बीच आजकल पैसों की जरूरत भला किसे नहीं हो सकती! हमारे पास अक्सर ही लोन लेने के लिए फोन कॉल्स आते रहते हैं. वहीं कई बार बैंकों का चक्कर काटने के बावजूद भी जरूरत पर लोन नहीं मिल पाता है.
ऐसे में जरूरतमंद लोग शॉर्टकट के पीछे भागते हैं. कई सारी वेबसाइट और आजकल तो कई सारे मोबाइल ऐप आ गए हैं, जो झट से लोन देने का दावा करते हैं. खतरे वाली बात ये है कि लोन चुकाने की शर्तें छिपी रहती हैं, जिस कारण बाद में कर्ज लेने वाला व्यक्ति तनाव में आ जाता है. लोन वसूली के लिए उत्पीड़न झेल चुके कई लोगों के खुदकुशी करने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले दिनों अनधिकृत लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ लोगों को आगाह किया था. आरबीआई ने चेताया था कि लोन वसूली के लिए आक्रामक उत्पीड़न रणनीति वाले कई एप्स ने लोगों को आत्महत्या के लिए भी मजबूर किया है.
हासिल कर उसका दुरुपयोग कर रहें हैं.” इसको लेकर केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल राज्य सरकारों द्वा
प्ले स्टोर से हटाए गए 4 भारतीय ऐप्स
बहरहाल, ताजा खबर ये है कि गूगल (Google) ने डिजिटल ऋण देने वाले ऐसे चार भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर (Google Play Store) से हटा दिया है. 60 दिनों या उससे कम समय में पुनर्भुगतान की आवश्यकता वाले पर्सनल लोन की पेशकश पर Google की नीति का उल्लंघन करने के कारण इन ऐप्स को हटाया गया है. ये ऐप्स हैं- 10MinuteLoan, Ex-Money, Extra Mudra और StuCred.
किन कारणों से हटाए गए ऐप्स?
इस बीच 30 दिनों में पूरा भुगतान वापस मांंगने वाली लोन ऐप StuCred द्वारा अपनी इस ‘शॉर्ट टर्म रिटर्न’ की शर्त को हटाने के लिए Google ने इसको वापस से Play Store पर बहाल कर दिया है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार
भागदौड़ भरी जिंदगी, बढ़ती महंगाई, नाकाफी रोजगार और बीमारियों के खतरे के बीच आजकल पैसों की जरूरत भला किसे नहीं हो सकती! हमारे पास अक्सर ही लोन लेने के लिए फोन कॉल्स आते रहते हैं. वहीं कई बार बैंकों का चक्कर काटने के बावजूद भी जरूरत पर लोन नहीं मिल पाता है.
ऐसे में जरूरतमंद लोग शॉर्टकट के पीछे भागते हैं. कई सारी वेबसाइट और आजकल तो कई सारे मोबाइल ऐप आ गए हैं, जो झट से लोन देने का दावा करते हैं. खतरे वाली बात ये है कि लोन चुकाने की शर्तें छिपी रहती हैं, जिस कारण बाद में कर्ज लेने वाला व्यक्ति तनाव में आ जाता है. लोन वसूली के लिए उत्पीड़न झेल चुके कई लोगों के खुदकुशी करने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले दिनों अनधिकृत लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ लोगों को आगाह किया था. आरबीआई ने चेताया था कि लोन वसूली के लिए आक्रामक उत्पीड़न रणनीति वाले कई एप्स ने लोगों को आत्महत्या के लिए भी मजबूर किया है.
प्ले स्टोर से हटाए गए 4 भारतीय ऐप्स
बहरहाल, ताजा खबर ये है कि गूगल (Google) ने डिजिटल ऋण देने वाले ऐसे चार भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर (Google Play Store) से हटा दिया है. 60 दिनों या उससे कम समय में पुनर्भुगतान की आवश्यकता वाले पर्सनल लोन की पेशकश पर Google की नीति का उल्लंघन करने के कारण इन ऐप्स को हटाया गया है. ये ऐप्स हैं- 10MinuteLoan, Ex-Money, Extra Mudra और StuCred.
किन कारणों से हटाए गए ऐप्स?
इस बीच 30 दिनों में पूरा भुगतान वापस मांंगने वाली लोन ऐप StuCred द्वारा अपनी इस ‘शॉर्ट टर्म रिटर्न’ की शर्त को हटाने के लिए Google ने इसको वापस से Play Store पर बहाल कर दिया है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार Google Play Store पर अभी भी कम से कम छह ऐसे अन्य लोन ऐप लाइव हैं, जो सिर्फ सात दिन तक के लिए लोन देने की सुविधा की पेशकश कर रहे हैं. इनमें से कुछ ऐप लोन के लिए तगड़ी प्रोसेसिंग फीस लेते है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तुरंत लोन देने वाले ये ऐप्स मोटी वसूली कर लेते हैं. 30 दिनों के लिए अगर आप 10,000 रुपये का लोन लिया तो प्रोसेसिंग फी 2,000 रुपये तक होती है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक बार रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग फीस समेत तमाम ब्याज वगैरह जोड़कर लोन लेने वाले व्यक्ति को लोन एमाउंट पर 60 फीसदी तक ब्याज देना पड़ता है.
जबकि किसी भारतीय बैंक से लोन लेने पर ब्याज दर 10-20 फीसदी ही होती है. इसके साथ ही राशि को कम से कम एक वर्ष के लिए पूर्ण रूप से चुकाने की आवश्यकता नहीं रहती है.
रिजर्व बैंक ने किया था आगाह
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने ही अनधिकृत उधार देने वाले ऐप्स के खिलाफ जनता को आगाह किया था. दरअसल देश के कई हिस्सों से शॉर्ट टर्म लोन देने वाली इन कंपनियों और प्लेटफॉर्मों की शिकायतें मिल रही थीं.
आरबीआई को उपयोगकर्ताओं के उत्पीड़न और वसूली के लिए धमकियां और डेटा की चोरी कर ब्लैकमेल करने जैसी शिकायतें मिली थीं, जिन वजहों से कई उपयोगकर्ताओं ने आत्महत्या तक कर ली थी. इसके बाद से ही देशभर में ऐसी धोखाधड़ी वाली ऐप्स के खिलाफ तेजी से कार्रवाई शुरू की गई.
लोन स्कैम से बचने की सलाह
RBI ने लोगों को आगाह करते हुए कहा था, “कई प्लेटफॉर्म मनमाने रूप से ब्याज की अत्यधिक दरों और साथ ही कई अन्य तरह के शुल्क आदि को उधारक लेने वालों पर थोप रहें हैं. यहां तक कि वह उधार लेने वाले लोगों के मोबाइल फोन में अपनी ऐप इंस्टाल करवा के उनके निजी डेटा को हासिल कर उसका दुरुपयोग कर रहें हैं.”
इसको लेकर केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल राज्य सरकारों द्वारा संचालित विनियमित बैंकों, NBFC और अन्य संस्थाओं को ही लोन देने की अनुमति दी जाती है. इसके बावजूद भी अगर कोई प्लेटफॉर्म डिजिटल रूप से लोन की पेशकश करता है, तो उसको भागीदार बैंक व मंजूरी प्राप्त संस्था का नाम सार्वजनिक करना पड़ेगा. आरबीआई ने लोगों से इस तरह के लोन स्कैम से बचने की सलाह दी है.
अभी भी कम से कम छह ऐसे अन्य लोन ऐप लाइव हैं, जो सिर्फ सात दिन तक के लिए लोन देने की सुविधा की पेशकश कर रहे हैं. इनमें से कुछ ऐप लोन के लिए तगड़ी प्रोसेसिंग फीस लेते है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तुरंत लोन देने वाले ये ऐप्स मोटी वसूली कर लेते हैं. 30 दिनों के लिए अगर आप 10,000 रुपये का लोन लिया तो प्रोसेसिंग फी 2,000 रुपये तक होती है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक बार रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग फीस समेत तमाम ब्याज वगैरह जोड़कर लोन लेने वाले व्यक्ति को लोन एमाउंट पर 60 फीसदी तक ब्याज देना पड़ता है.
जबकि किसी भारतीय बैंक से लोन लेने पर ब्याज दर 10-20 फीसदी ही होती है. इसके साथ ही राशि को कम से कम एक वर्ष के लिए पूर्ण रूप से चुकाने की आवश्यकता नहीं रहती है.
रिजर्व बैंक ने किया था आगाह
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने ही अनधिकृत उधार देने वाले ऐप्स के खिलाफ जनता को आगाह किया था. दरअसल देश के कई हिस्सों से शॉर्ट टर्म लोन देने वाली इन कंपनियों और प्लेटफॉर्मों की शिकायतें मिल रही थीं.
आरबीआई को उपयोगकर्ताओं के उत्पीड़न और वसूली के लिए धमकियां और डेटा की चोरी कर ब्लैकमेल करने जैसी शिकायतें मिली थीं, जिन वजहों से कई उपयोगकर्ताओं ने आत्महत्या तक कर ली थी. इसके बाद से ही देशभर में ऐसी धोखाधड़ी वाली ऐप्स के खिलाफ तेजी से कार्रवाई शुरू की गई.
लोन स्कैम से बचने की सलाह
RBI ने लोगों को आगाह करते हुए कहा था, “कई प्लेटफॉर्म मनमाने रूप से ब्याज की अत्यधिक दरों और साथ ही कई अन्य तरह के शुल्क आदि को उधारक लेने वालों पर थोप रहें हैं. यहां तक कि वह उधार लेने वाले लोगों के मोबाइल फोन में अपनी ऐप इंस्टाल करवा के उनके निजी डेटा को हासिल कर उसका दुरुपयोग कर रहें हैं.”
इसको लेकर केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल राज्य सरकारों द्वारा संचालित विनियमित बैंकों, NBFC और अन्य संस्थाओं को ही लोन देने की अनुमति दी जाती है. इसके बावजूद भी अगर कोई प्लेटफॉर्म डिजिटल रूप से लोन की पेशकश करता है, तो उसको भागीदार बैंक व मंजूरी प्राप्त संस्था का नाम सार्वजनिक करना पड़ेगा. आरबीआई ने लोगों से इस तरह के लोन स्कैम से बचने की सलाह दी है.