नई दिल्ली, संवाददाता NIRMALSANDHU। राजधानी में हर किरायेदार और घरेलू सहायक का पुलिस से सत्यापन कराना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर मकान मालिक और नियोक्ता के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर सकती है। पुलिस सत्यापन अभियान चलाने का दावा करती है, लेकिन बड़ी घटनाओं में पता चलता है कि सत्यापन नहीं कराया गया है।
सीमापुरी मामले में सामने आया कि किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराया गया। पिछले दिनों लक्ष्मीनगर से एक आतंकी पकड़ा गया था। उसका भी सत्यापन नहीं हुआ था।
पिछले साल गांधीनगर से सात साल के बच्चे का अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। इस मामले में आरोपित घरेलू सहायक का सत्यापन नहीं हुआ था। सत्यापन की जिम्मेदारी मकान मालिक या नियोक्ता की होती है। बीट कांस्टेबल को भी इस पर नजर रखनी होती है। सीमापुरी में दो महीने पहले आए संदिग्धों के बारे में पुलिस जानकारी नहीं जुटा पाई।
14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी में आइईडी मिलने के बाद भी पुलिस अलर्ट नहीं हुई। गणतंत्र दिवस से पहले पुलिस ने अभियान चलाया था, लेकिन इसमें भी संदिग्धों का सत्यापन नहीं कराया गया। पुलिस उपायुक्त आर. सत्यसुंदरम का कहना है कि अगर सत्यापन नहीं कराया गया है तो मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मकान मालिक हाशिम की पत्नी शादमा का कहना है कि संदिग्धों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था।