दो दिन पहले खाकी छोड़ खादी पहनने वाले राजेश्वर सिंह को बीजेपी ने टिकट दे दिया है। भाजपा ने इस बार लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से मंत्री स्वाति सिंह की जगह राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है।
राजेश्वर सिंह ईडी के जॉइंट डायरेक्टर रहे हैं। इन्होंने भाजपा पार्टी में शामिल होने के लिए दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से उन्होंने वीआरएस लिया। वह ईडी के जॉइंट डायरेक्टर थे। वीआरएस मिलने के 24 घंटे के अंदर ही भाजपा जॉइन कर ली। इसके बाद इन्होंने ट्वीट पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। और इनके कामों की तारीफ करते हुए पार्टी में ज्वाइन होने की बात भी बताई।
चुनावी खेल देखिए वीआरएस स्वीकार होने के 24 घंटे के अंदर ही उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। पार्टी में आते ही इन्होंने लखनऊ सरोजनी नगर की सीट से स्वाति सिंह का पत्ता काट दिया है। टिकट मिलने के बाद राजेश्वर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रेसीडेंट जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “नई भूमिका का निर्वहन वह पूरे समर्पण भाव से कर सकें ऐसी प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है ।”
सवाल ये उठता है कि इसके बाद स्वाति सिंह का अगला कदम क्या होगा?, राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्वाति सिंह का अभी तक का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है। स्वाति सिंह का सरोजिनी नगर सपा से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पत्ता साफ होने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही कि स्वाति सिंह सपा जॉइन कर सकती हैं।
स्वाति सिंह ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि “पार्टी ने अगर मुझे टिकट नहीं दिया है तो कुछ सोच समझकर ही ऐसा किया होगा। मैं जिंदगी भर भाजपा में ही रहूंगी। उन्होंने अपनी सीट पर राजेश्वर सिंह की टिकट मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ” “क्या मैं गुस्से में दिख रहा हूँ? मैं केवल 17 वर्ष का था जब मैं पार्टी की छात्र परिषद में शामिल हुआ। मैं पूरी तरह से भाजपा के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं यहीं रहूंगा और यहां मरूंगी भी। भविष्य में मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगी।”स्वाति सिंह, जो वर्तमान में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं, और उन्होंने आगे कहा कि किसी भी कार्यकर्ता को पार्टी नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, यह कहते हुए कि जो कुछ भी किया गया है, वह अच्छे के लिए किया जाना चाहिए।अटकलों की माने तो स्वाति सिंह को टिकट ना मिलने का कारण उनकी और उनके पति के बीच का विवाद है। काफी लंबे समय से चल रहा है इस विवाद के कारण कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि इस बार स्वाति सिंह का पत्ता कटेगा। जहां एक और पार्टी से टिकट ना मिलने पर स्वाति सिंह के घर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था वहीं दूसरी ओर उनके पति दयाशंकर सिंह ने सोशल मीडिया से टिकट मिले सभी प्रत्याशियों को बधाई दी । उनके घर के बाहर उनके कार्यकर्ता खुशी और जश्न मनाते नजर आए।