karnal-पिछले 15 साल में राज्य की सत्ता पर काबिज रही बसपा

उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पिछले 15 साल में राज्य की सत्ता पर काबिज रही बसपा, सपा और भाजपा के शासनकाल में बिजली दरों में की गई वृद्धि का ब्यौरा प्रस्तुत किया है। जिसमें बताया है कि आज सभी दल बिजली दरें कम करने की बातें कर रहे हैं जबकि सरकार में रहते हुए सभी दलों ने उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का भार बढ़ाने का काम किया। परिषद ने कहा है कि सरकार बनते ही राजनीतिक दल अपने वादे के मुताबिक बिजली दरें सस्ती करने का प्रस्ताव कैबिनेट की पहली ही बैठक में प्रस्तुत करने की तैयारी करें।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बसपा ने अपने पांच साल के कार्यकाल में तीन बार बिजली दरों में वृद्धि कर औसतन 24 से 25 फीसदी तक वृद्धि की थी। इसके बाद सपा ने अपने पांच साल के शासनकाल में औसतन 45 से 50 फीसदी तक वृद्धि की थी। मौजूदा भाजपा सरकार के शासनकाल में औसतन 26 से 28 फीसदी तक तक वृद्धि हुई है।

वर्तमान में किसानो के निजी नलकूप की बिजली दरों में एक जनवरी 2022 से 50 प्रतिशत की कमी वर्तमान सरकार ने किया है ऐसे में किसानो की दरें अब आधी हो गई हैं। परिषद ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वह बिजली दरों में जो भी रियायत की घोषणा कर रहे हैं सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में उसे पास किया जाए। परीक्षण के बहाने इसे लंबा टालने की कोशिश ना हो।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।