उरई: भाजपा प्रत्याशी से जनता ने मांगा पिछले 5 साल का रिपोर्ट कार्ड, हाथ जोड़ भागे विधायक।यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के प्रत्याशियों को विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्रों में काफी विरोध देखने को मिला है । कहीं आम जनता इन प्रत्याशियों को खदेड़ गांव से बाहर कर रही है तो कहीं जनता इन विधायकों के काम का रिपोर्ट कार्ड मांग रही है। ऐसा ही एक रिपोर्ट कार्ड उरई की जनता ने वहां के मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी गौरी शंकर वर्मा से मांगा।
उरई से मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी गौरी शंकर वर्मा जब अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने वहां उनका जमकर विरोध किया। लोग अपने विधायक से इस बात पर नाराज हैं कि पिछले 5 वर्षों में तो यह कभी यहां दिखे नहीं लेकिन अब चुनाव आते ही लोगों के बीच घूम रहे हैं।
इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि लोगों की भीड़ ने भाजपा प्रत्याशी गौरी शंकर वर्मा को घेर लिया है । भीड़ उनसे बीते 5 वर्षों में उन्होंने क्या-क्या काम किया है और उनकी क्या-क्या उपलब्धियां जैसे कई सवाल पूछती नजर आ रही है।इस दौरान लोग क्षेत्र से विधायक के गायब रहने को लेकर नाराज दिख रहे हैं। साथ ही विकास कार्यों को लेकर भी सवाल कर रहे हैं। कोई चापाकल की बात कर रहा है, तो कोई उन्हे उस ऑडियो कॉल को याद दिला रहा है , जिसमें उन्होंने जनता के खिलाफ कुछ बातें कही थीं। लोग उस वाक्ये की भी याद दिला रहे हैं, जिसमें विधायक ने एक मंदिर का विरोध किया था।
वीडियो में भाजपा प्रत्याशी गौरी शंकर वर्मा जनता के आरोपों से इनकार करते नजर आए या फिर कई सवालों पर चुप्पी साधते दिख रहे हैं। वीडियो में उनकी हालत देख यह समझा जा सकता था उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में कितना काम किया है। जनता द्वारा पूछे गए क्षेत्र में विकास के सवालों पर भाजपा प्रत्याशी गौरी शंकर वर्मा चुप खड़े दिख रहें हैं।
बढ़ती भीड़ और भीड़ के गुस्से को देखते हुए बीजेपी विधायक वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझे, लेकिन जनता उन्हें घेर कर खड़ी हो गई। वीडियो में विधायक हाथ जोड़कर माफी भी मांगते दिख रहे हैं। जब भाजपा विधायक वहां से निकलते हैं तो पीछे से लोग चिल्लाकर उनपर भागने का आरोप भी लगाते दिख रहे हैं। इसके बाद लोग विधायक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इन सब के बीच भाजपा विधायक चुपचाप वहां से निकल गए।
नेताजी इतने बेफिक्र शायद इसलिए भी है क्योंकि उरई विधानसभा सीट हमेशा से ही भाजपा की सुरक्षित सीटों में से रही है । 1996 में पहली बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद सिर्फ एक बार सपा और एक बार कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब हो पाई है। यहां लगभग पांच लाख मतदाता हैं। पिछली बार यहां लड़ाई सपा और बीजेपी के बीच ही थी।