Karnal-पुलिस महकमे से हरियाणा सरकार को लगी करोड़ों की चपत

अजब गजब,

पंजाब में अधिकारियों की कोठी में हरियाणा पुलिस की गारद

हरियाणा पुलिस अधिकारियों की पंजाब में ड्यूटी।

सरकार को लगा छह करोड़ का फटका

हरियाणा पुलिस अधिकारियों की पंजाब में निजी कोठी के बाहर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने से सरकार को अब तक छह करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हो चुका है। एडीजीपी एएस चावला की मोहाली (पंजाब) स्थित निजी कोठी पर सितंबर 2015 से पांच कर्मियों की गारद लगी हुई है, जबकि डीजीपी बीएस संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद भी करीब 22 कर्मियों की गारद और एक पुलिस की गाड़ी (प्राइवेट कार के साथ सरकारी एस्कार्ट) लगा रखी थी। अब हरियाणा आम्र्ड पुलिस के आइजी ने ही इन दोनों अधिकारियों के पंजाब स्थित आवास पर गारद लगाना नियमों का उल्लंघन बताया है। पंजाब में पंजाब पुलिस कर्मचारियों की गारद लगनी चाहिए थी।

एक तरफ राज्य में पुलिस कर्मचारियों की कमी के कारण थाने और चौकियों में रिक्त पदों को नहीं भरा जा रहा तो दूसरी ओर नियम ताक पर रखकर पंजाब में हरियाणा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाकर राजस्व और पद के दुरुपयोग के मामले ने अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, पूर्व डीजीपी संधू की जेड सुरक्षा घटाकर अब वाई प्लस कैटेगरी कर दी गई है। इस कैटेगरी में कर्मियों की संख्या 11 है और सरकारी पुलिस की गाड़ी भी वापस ले ली गई है, जिसे लेकर संधू ने पुनर्विचार करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है

विज के पास शिकायत पहुंचने के बाद उठा विवाद

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को मोहाली के लोगों ने लिखित शिकायत कर एडीजीपी की गारद को नियमों के खिलाफ बताया था। गारद में लगे पुलिस कर्मचारियों पर अभद्र भाषा के आरोप जांच में झूठे पाए गए, लेकिन इस शिकायत के बाद विवाद हरियाणा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी पंजाब में लगाने पर विवाद आरंभ हो गया। एडीजीपी की गारद एक दिन हटाने के बाद फिर लगा दी गई है।

इस तरह होता है सुरक्षा घेरा

देश के सम्मानित लोगों और नेताओं, अधिकारी को जान का खतरा है तो उन्हें सुरक्षा दी जाती है। यह सुरक्षा मंत्रियों को मिलने वाली सुरक्षा से अलग होती है। इसमें पहले सरकार को इसके लिए आवेदन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसियों से खतरे का अंदाजा लगाती है। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी यह तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सुरक्षा दी जाए। खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है। सुरक्षा व्यवस्था को भी कई श्रेणियों में बांटा गया है। जैसे एक्स, वाय, वाय प्लस, जेड, जेड प्लस और एसपीजी सुरक्षा।

सुरक्षा श्रेणी के प्रकार

एक्स श्रेणी की सुरक्षा: इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है।

वाई श्रेणी की सुरक्षा: कुल 11 कर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (प्राइवेट सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है।

वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा: इसमें 11 कर्मी होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।

जेड श्रेणी की सुरक्षा:

जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं।

जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा:

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस, आइटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।