1. फेसबुक का नीला रंगदुनिया में इतने रंग है लेकिन फेसबुक का रंग नीला ही क्यों?
दरअसल फेसबुक का रंग नीला है क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं। मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है। एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूँ, इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है।
2. वो शख़्स जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता
फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। जी हां, मार्क जुकरबर्ग ही वो शख्स हैं जिन्हें फेसबुक पर ब्लॉक नहीं किया जा सकता। यकीन न हो तो एक बार कोशिश करके देख लीजिए।
3. ज़ुकरबर्ग को खोजना न तो मुश्किल, न ही नामुमकिन
फेसबुक पर मार्क जुकरबर्ग को खोजना न तो मुश्किल है और न ही नामुमकिन। जी हाँ मार्क जुकरबर्ग ही दुनिया में ऐसे शख्स हैं जिन्हें फेसबुक पर खोजना सबसे आसान है। अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं, तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे।
5. कोई मर जाए तो अकाउंट का क्या होता है
?यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं। फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है। इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है। इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता
4. दो देशों में फेसबुक बैन भी है
फेसबुक पर अरबों यूजर्स हैं जिनमें दुनिया के लगभग हर देश के लोग हैं। लेकिन दुनिया में दो देश ऐसे भी हैं जहाँ फेसबुक पर बैन है। ये दो देश हैं चीन और उत्तर कोरिया। इन दोनों देशों में फेसबुक बैन है।
6. हर सेकंड 5 नये लोग फेसबुक पर
फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं। फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं। हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं। वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं
।7. “लाइक” की जगह था ये नाम
फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है। वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा। सबसे पहले इसका नाम ‘AWESOME’ रखा गया था। लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था।
8. ये पोक क्या बला है?
फेसबुक पर एक फीचर है पोक. किसी की प्रोफाइल पर जाकर आप उसे पोक कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब क्या है? दरअसल कोई मतलब नहीं है। ये बस जैसे खेल के लिए है। यहां तक कि फेसबुक हेल्प सेंटर में भी आप पूछेंगे कि ‘poke’ का क्या मतलब है तो आपको कभी पता नहीं चलेगा। इस बारे में मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि उन्होंने सोचा था कि वे फेसबुक पर एक ऐसा फीचर बनाएंगे जो बेमतलब होगा। ये बस मस्ती के लिए बनाया गया है।
9. फेसबुक एक बीमारी
फेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है। दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं। इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है। इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं।
11. कब क्या लॉन्च हुआ
फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे। जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी। अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था।
10. खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को
फेसबुक ने सितंबर 2004 में “वॉल”, सितंबर 2006 में “न्यूज फीड”, फरवरी 2009 में “लाइक” बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया।