karnal -बढ़ती मांग के दबाव में टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम लगातार बढ़ा रही

नई दिल्ली. टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) खरीदने वालों को लिए बड़ी खबर है. बीमा कंपनियां (Insurance Companies) कोविड-19 महामारी के जोखिम और बढ़ती मांग के दबाव में टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम लगातार बढ़ा रही हैं. साल 2021 की दिसंबर तिमाही में भी टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम (Term Insurance Premium) 4.18 फीसदी बढ़ गया है. वहीं, पहली तिमाही से चौथी तिमाही तक कीमतों में 9.75 फीसदी उछाल आ चुका है.

ऑनलाइन इंश्योरेंस एग्रीगेटर पॉलिसीएक्स.कॉम ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कीमतों के लिहाज से 2021 की पहली तिमाही और चौथी तिमाही के बीच प्रीमियम में 9.75 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है. पॉलिसीएक्स.कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नवल गोयल ने बताया कि महामारी के जोखिमों को देखते हुए टर्म इंश्‍योरेंस की मांग लगातार बढ़ रही है.

इसलिए लगातार बढ़ रहीं कीमतें
पॉलिसी क्लेम में भी इजाफा हुआ, जिसका सीधा असर कंपनियों की कमाई पर पड़ा. इसकी भरपाई के लिए कंपनियां लगातार कीमतों में इजाफा कर रही हैं. दिसंबर तिमाही में टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम 4.18 फीसदी बढ़कर 23,929 रुपये सालाना हो गया. पांच प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियों में से तीन ने दिसंबर तिमाही में 0.9 फीसदी से 13.4 फीसदी तक प्रीमियम बढ़ाए. दो कंपनियों ने अपना प्रीमियम स्थिर बनाए रखा है.

 

उम्र बढ़ने पर महंगा होगा प्रीमियम
रिपोर्ट में कहा गया है कि टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम जितनी जल्दी खरीदा जाए, उतना ही सस्ता पड़ेगा. अगर कोई 25 साल का ग्राहक टर्म इंश्योरेंस खरीदने में 10 साल की देरी करता है तो उसे प्रीमियम पर 48.9 फीसदी ज्यादा खर्च करना पडे़गा. इसी तरह, 35 साल के ग्राहक को देरी से टर्म इंश्योरेंस खरीदने पर 77.6 फीसदी और 45 साल के ग्राहक को देरी पर 80.8 फीसदी ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी. लिहाजा टर्म इंश्योरेंस का पूरा लाभ उठाने के लिए जितनी जल्दी हो सके, प्लान खरीद लेना चाहिए.

सिगरेट पीते हैं तो चुकानी होगी डेढ़ गुना रकम
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंश्योरेंस कंपनियां स्मोकिंग को सेहत के लिए बड़ा जोखिम मानती हैं और सिगरेट पीने वाले ग्राहकों से ज्यादा प्रीमियम भी वसूलती हैं. समान उम्र के सिगरेट पीने वाले ग्राहक को टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50.5 फीसदी ज्यादा रकम देना पड़ेगा. महिलाओं के मामले में यह रकम 49.5 फीसदी बढ़ जाती है. इसका मतलब है कि ग्राहक के सेहत पर जोखिम जितना ज्यादा रहेगा, कंपनियां उसी अनुपात में प्रीमियम बढ़ा सकती हैं. इसमें उम्र और लिंग की भी बड़ी भूमिका रहती है.

 

कोरोना के बाद से 40 फीसदी बढ़ीं कीमतें
इंश्योरेंस कंपनियों ने कोरोना महामारी के बाद से टर्म इंश्योरेंस की कीमतों में 40 फीसदी तक इजाफा किया है. इसकी प्रमुख वजह क्लेम पैटर्न में बदलाव है, जिसकी वजह से इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ाकर कुछ भार ग्राहकों पर डाल दिया है. इसके अलावा, क्लेम में बढ़ोतरी की वजह से कंपनियों ने टर्म इंश्योरेंस की शर्तों को भी सख्त कर दिया है.

एलआईसी ने तीन साल से नहीं बढ़ाए दाम
इंश्योरेंस कंपनियां प्रीमियम में भले ही प्रीमियम में लगातार इजाफा कर रही है, पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ही एक ऐसी कंपनी है, जिसने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. एलआईसी ने अपने ग्राहकों के लिए टर्म इंश्योरेंस की कीमतों में पिछले तीन साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की है. खास बात है कि भारत में टर्म इंश्योरेंस की कीमतें अन्य देशों के मुकाबले सबसे कम हैं.