नई दिल्ली. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Bank, India) ने भारत में अपने ग्राहकों के लिए होम-लोन पर एक नई सुविधा शुरू की है. ग्राहक अब होम-लोन के शुरुआती समय में चाहें तो केवल ब्याज का ही भुगतान कर सकते हैं. मतलब ये कि उन्हें शुरुआती समय में मूल ऋण (Principal Amount) का भुगतान नहीं करना होगा.
बैंक ने मंगलवार को इस स्कीम के बारे में कहा कि ब्याज-मात्र होम लोन (Interest-only home loan) एक ऐसी सुविधा है, जिसका इस्तेमाल पूरी तरह से बन चुकी रिहायशी प्रॉपर्टी (Completed Residential Properties) खरीदने के लिए किया जा सकेगा. इसमें लोन की एक लिमिटेड समयावधि तक लोन लेने वाले को सिर्फ ब्याज (Interest) का ही भुगतान करना होगा. चुनी गई ब्याज-मात्र अवधि (Interest-only period) के दौरान कोई मूलधन नहीं काटा जाएगा.
कितने रुपये का मिलेगा लोन?
यह स्कीम ₹35 लाख और ₹3.5 करोड़ के बीच के ऋणों पर लागू होती है. ऋण के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि वेतनभोगी व्यक्तियों (Salaried Individuals) के लिए 30 वर्ष और स्व-नियोजित व्यक्तियों (Self-employed Individuals) के लिए 25 वर्ष है.
ग्राहकों के लिए 1 से 3 साल का समय इंट्रेस्ट-ओनली पीरियड हो सकता है. इस समय में ग्राहक मासिक किस्तों में केवल ब्याज का ही भुगतान कर सकते हैं. जब ये पीरियड समाप्त हो जाएगा तो फिर आपका लोन एक आम लोन की तरह की काम करेगा. मतलब उसके बाद आपको लोन पर बनी मासिक किस्त चुकानी होगी, जिसमें मूल और ब्याज (Principal and Interest) दोनों शामिल हो
ग्राहक को क्या फायदा होगा?
बैंक ने कहा है कि ब्याज-मात्र होम लोन (Interest-only home loan) से ग्राहकों को अपने कैश आउटफ्लो को कम करने में मदद मिलेगी. लोन लेने के बाद शुरुआती समय में उन्हें कम भुगतान करना होगा. इसके अलावा जो लोग बड़ा घर खरीदना चाहते हैं, उनके लिए भी ये लोन काफी मददगार साबित होगा. लोग अपनी पसंद की प्रॉपर्टी खरीद पाएंगे.