Karnal-राशन मनी 1125 रुपए के इंतजार में कई कुष्ठ रोगियों की हुई मौत, नहीं पसीजा प्रशासन का दिल

विश्व कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस पर विशेष-

राशन मनी 1125 रुपए के इंतजार में कई कुष्ठ रोगियों की हुई मौत, नहीं पसीजा प्रशासन का दिल

कुष्ठ रोगियों के लिए समर्पित देवेंद्र सचदेवा ने अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राशन मनी के स्थान पर मांगा राशन

#करनाल_29जनवरी(#इन्द्रजीतवर्मा) : दामिनी फिल्म में सन्नी देओल का अदालत में एक डायलॉग था, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, आखिर ये तारीख कब खत्म होगी और कब लोगो को समय पर न्याय मिलेगा? आज विश्व कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस पर ये बताना जरूरी है कि असल जिंदगी में भी इंदिरा कॉलोनी स्थित कुष्ठ रोगियों के साथ प्रशासन तारीख पर तारीख वाला रुखा व्यवहार ही कर रहा है। कारण ये है कि पिछले 12 माह से कुष्ठ रोगियों को 1125 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 9 लाख के करीब राशन मनी नहीं मिली। वो भी उस कोरोना के दौर में जब उन्हें राशन मनी की सख्त जरूरत थीं।

 

कड़वा सच ये है कि पिछले तीन से चार बरस में राशन मनी का इंतजार करते इन कुष्ठ रोगियों की संख्या 150 में से केवल 60 रह गई है यानी 90 कुष्ठ रोगियों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन कठोर प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। इनकी मृत्यु की जिम्मेदारी कोई भी लेने को तैयार इसलिए नहीं है क्योंकि जरूरत के संसार में नेताओं के वोट बैंक के अलावा ये किसी के लिए कोई काम नहीं करते, हां ईश्वर और दुआओं को गहरे से मानने वाले लोग आज भी इनकी सेवा में पहुंचते हैं और छोटी सी सेवा के बदले असंख्य दुआएं लेकर लौटते हैं

 

विडंबना ये है कि कोरोना काल में सेवा का दम भरने वाले सेवाभावियों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है लेकिन मजबूत स्तंभ के रूप में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के पूर्व लोकसंपर्क अधिकारी व समाजसेवी देवेंद्र_सचदेवा लगातार संबंधित प्रशासन को पत्र, ईमेल, व्टासेप भी करते हैं और फेसबुक व निजीतौर पर समाजसेवियों से कुष्ठ आश्रम में सेवा देने की प्रार्थना भी करते हैं। बता दें कि हरियाणा में करनाल, यमुनानगर, अंबाला में 300 के करीब कुष्ठ रोगी हैं , सबके कमोपेश यही हालात हैं।

 

करनाल के सीएम के प्रतिनिधि संजय बठला से बहुत बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे फोन नहीं उठा पाए। मन में ये सवाल भी पैदा हुआ के करनाल में सीएम के प्रतिनिधि यदि मुसीबत के समय किसी का दो दिन लगातार करने पर भी फोन नहीं उठाते या वापस काल नहीं करते इससे साफ पता चलता है कि उनके मन में जनता के कार्य के प्रति कितनी गंभीरता है।

अब 73वें गणतंत्र दिवस को कुष्ठ आश्रम की सेवा से समर्पित भाव से जुड़े देवेंद्र सचदेवा ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि यदि वे राशन मनी नहीं भेज सकते तो फिर आटा, चावल, घी, चीनी, पत्ती, दाल, नमक, मसाला, हल्दी आदि जरूरी करियाना भेजने की व्यवस्था बना दें ताकि अब जो कुष्ट आश्रम में बचे हुए 60 लोग हैं, वे अपनी बाकी बची जिंदगी सुकून से बिता सकें। लेकिन अभी फिलहाल ये प्रपोजल ही भेजा गया है, इस पर अमलीजामा पहनने में ठीक उतना ही वक्त लगेगा जितना वक्त प्रशासन के पास आम आदमी की दिक्कत और परेशानी का हल ढूंढने में लगता है? आम व्यक्ति के पास यदि सिफारिश और जुगाड़ ना हो तो अमूमन उसके काम नहीं होते, लेकिन अब सवाल ये है कि इन कुष्ठ रोगियों को सीधे राशन कैसे मिले? कैसे इनकी समस्या का समाधान हो? क्योंकि प्रशासन इन्हें गंभीरता से ले नहीं रहा और जनता का मनोविज्ञान समझकर बारीक अभिनय जानने वाले नेता 2024 के चुनाव से पहले इन्हें शक्ल दिखाने जाएंगे नहीं?

 

नि:स्वार्थ भाव से ये लोग कर रहे सेवा

जेबीडी समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष भारत भूषण कपूर, लक्ष्य जनहित सोसायटी के पदाधिकारी दिनेश बख्शी, जितेंद्र वधवा, सुल्तानपुर वासी, पुर्तगाल में रह रहे शिवम चौहान सहित कुछ अन्य लोग समय समय पर इनकी सहायता करते हैं, लेकिन वह सहायता अपर्याप्त है क्योंकि राशन के अलावा ट्राइसाइकिल व अन्य सामानों की जरूरत है। अहम बात ये है कि जो भी कभी कभार यहां सेवा करने आते हैं उनका सामान लेने से पहले ये लोग इतनी दुआएं करते हैं, शायद ही इतनी दुआ मां बाप के अलावा किसी ने की हो।

 

मुख्यमंत्री काश इधर आ जाएं, सुन लें हमारी बात

करनाल के विधायक और मुख्यमंत्री मनोहरलाल से कुष्ठ रोगियों को खासी आशाएं हैं, कुष्ठ रोगी प्रधान मनीराम, धनीराम, रामजी क्षत्रिय, यादगिरि पासी, गंगाराम, कांशीराम, सुधीर का कहना है कि मुख्यमंत्री हमारे लिए कोई राह जरूर निकाल सकते हैं, हमने उन्हें भी वोट दिए और मेयर रेनू बाला गुप्ता को भी। वो हमारा पता करने भी आई थी, कोई ओर नहीं पहुंचा। राशन तो चाहिए साहब, ना दें राशन का पैसा, सीधे राशन आटा, चावल, दाल व सामान दें दें।

 

अब मुख्यमंत्री को भी लिखा है पत्र- देंवेंद्र सचदेवा-

कुष्ठ रोगियों की सेवा में समर्पित समाजसेवी देवेंद्र सचदेवा का कहना है कि यदि इन्हें राशन मनी मिलने में कोई दिक्कत या बाधा है तो इन्हें 10 किलो आटा, 2 किलो चावल, एक किलो चीनी, एक किलो दाल,घी, तेल, नमक, हल्दी, मिर्च मसाला सहित जरूरी सामान उपलब्ध कराने की व्यवस्था करा दें। पहले प्रशासनिक स्तर कुष्ठ रोगियों की मदद की गई लेकिन पिछले एक साल से तो सभी कुष्ठ रोगियों को जैसे भूल ही गए हैं। अब इन्हें राशन या राशन मनी की सख्त दरकार है, जो केवल 1125 रुपए प्रतिमाह है।

 

डीसी करनाल कर रहे हैं प्रयास, निकलेगा हल- सहायक निदेशक

माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी विकलांग कल्याण केंद्र के सहायक निदेशक दिनेश कुमार का कहना है कि कुष्ठ रोगियों की राशन मनी सन 2016 से बंद है, आज डीसी साहब कार्यालय आए थे और मेरी इस विषय पर उनसे बातचीत भी हुई थी, वे चाहते हैं कि इनकी समस्या का समाधान हो, वे प्रयास भी कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द इस समस्या का समाधान निकलेगा, चाहे वो पंचायती राज से निकले या किसी ओर विभाग से।