Karnal-विज बोले- मेरे साथ स्‍कूटर पर जाता था

पार्षद चंचल सहगल के सात वर्षीय बेटे को भी मिल गया सम्‍मान

विज बोले- मेरे साथ स्‍कूटर पर जाता था

पानीपत गणतंत्र दिवस समारोह में सम्‍मान सूची पर एक के बाद एक सवाल खड़े हो रहे हैं। सीआइडी चीफ के पत्र में दलाल धीरज चावला का नाम था, वह भी मंच पर सम्‍मान लेने पहुंच गया। हालांकि सम्‍मान क्‍लब को दिया गया था लेकिन क्‍लब के सदस्‍यों की जगह धीरज चावला पहुंच गया। उधर, वार्ड आठ से भाजपा की पार्षद चंचल सहगल के सात वर्षीय बेटे अद्विक सहगल को भी सम्‍मानित किया गया तो सामाजिक संस्‍थाओं ने ऐतराज जाहिर कर दिया। विधायक प्रमोद विज ने इस पर बचाव करते हुए कहा है कि बच्‍चों को प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। सहगल का बेटा सामाजिक कार्यों में आगे रहता है। छोटी उम्र में भी उसके मन में दया भाव है। कोरोना काल में जब मदद करने के लिए निकलते थे तो बेटा उनके साथ स्‍कूटर पर बैठ जाता था।

विधायक के इस जवाब पर लोगों का कहना है कि एक बच्‍चे को सम्‍मानित कर सकते हैं, लेकिन जिन्‍होंने सही में समाज के लिए काम किए, उन्‍हें क्‍यों छोड़ दिया गया। क्‍या सिफारिश के आधार पर ही सम्‍मानपत्र मिलता है।

विधायक ने यह स्‍वीकार किया कि नारी तू नारायणी उत्‍थान समिति की अध्‍यक्ष सविता आर्य को सम्‍मानपत्र दिया जाना चाहिए था। सविता आर्य ने नवजात बच्‍ची की मां को ढूंढ निकाला था। अपने स्‍तर पर कालोनियों में घूमीं। तब जाकर नवजात की मां का पता चला। मां ने ही बच्‍ची को छत से नीचे फेंका था। विज का कहना है कि प्रशासन से बात करेंगे। अगर कहीं भूल हुई है तो सुधार कराएंगे।

विधायक विज ने पानीपत ब्रेकिंग न्यूज़ से बातचीत में कहा कि मंच पर धीरज चावला का आना गलत था। सीआइडी चीफ के पत्र के बाद दलाली प्रकरण में जांच चल रही है। प्रशासन ने क्‍लब को सम्‍मानित किया था। क्‍लब के प्रधान नितिन को आना चाहिए था। नितिन को तो पता ही होगा कि धीरज चावला की जांच चल रही है।

विधायक प्रमोद विज ने वार्ड आठ में दौरा किया। यहां वाल्‍मीकि धर्मशाला पहुंचे। लोगों की समस्‍याएं सुनीं। उन्‍होंने भरोसा दिलाया कि धर्मशाला का सुधार कराएंगे। खिड़कियां, दरवाजे और हाल का काम कराया जाएगा। समाज के लोग यहां पर कार्यक्रम कर सकें, ऐसा इंतजाम किया जाएगा। नगर निगम के माध्‍यम से एक या दो दिन में एस्‍टीमेट बन जाएगा। जल्‍द टेंडर लगा देंगे। इसके अलावा कुम्‍हार मुहल्‍ले में भी पानी की समस्‍या है, उसका समाधान कराया जाएगा। जहां पर पानी खारा है, वहां पर नया बड़ा ट्यूवबेल लगाकर पानी की आपूर्ति की जाएगी। वह हर शुक्रवार को दो वार्डों का दौरा कर समस्‍याओं का समाधान कराएंगे। पार्षद पति विजय सहगल का पानीपत ब्रेकिंग न्यूज़ से कहना कि वार्ड में जो समस्याएं सामने आई हैं, उनका समाधान कराएंगे।

देखना होगा, क्यूंकि कल ही वार्ड आठ के लोग पानी की समस्या को लेकर विधायक के दरबार पहुंचे थे और वार्ड पार्षद पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक के कार्यालय के सामने समस्या का समाधान न होने तक धरना तक देने की धमकी दे रहे थे

जिसको गंभीरता से लेते हुए आज विधायक ने उनकी पीड़ा को समझते हुए वार्ड का दौरा किया और वार्ड के लोगों की समस्याएं सुनी, उम्मीद है उनकी समस्या का हल होगा और उन्हें धरना नहीं देना पड़ेगा

 

हरियाणा में साइबर अपराध पर कसेगा शिकंजा

पुलिस कर्मियों को बनाया जा रहा एक्सपर्ट

 

करनाल, डिजिटल के बढ़ते चलन के साथ लेन-देन से लेकर अनेकों सुविधाएं भी बढ़ी है, लेकिन इन्हीं तकनीक का फायदा अपराधिक लोग भी जमकर उठा रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर ठग लोगों को अनेकों प्रकार के प्रलोभन के साथ जाल में फंसाकर उनके बैंक खातों को साफ कर रहे हैं। ऐसे में ये साइबर अपराधि पुलिस के लिए भी चुनौती बन चुके हैं, लेकिन इनकी कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने भी कमर कस ली है। जहां रेंज स्तर के बाद अब जिला स्तर पर साइबर थाने खोले जाने पर चर्चा की जा रही है वहीं हर थाने में साइबर एक्सपर्ट तैनात करने की भी तैयारी कर ली गई है।

करनाल रेंज में इस पर प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मधुबन पुलिस अकादमी में विशेष तौर पर पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध को रोकने व आरोपितों तक पहुंचने को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है वहीं इस पूरे मिशन निगरानी खुद आइजी ममता सिंह कर रही है। उनका कहना है कि साइबर अपराध से निपटने के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। विभाग के पास साइबर एक्सपर्ट की कमी थी, जिसका फायदा अपराधी उठा रहे थे। अब प्रशिक्षण के बाद इन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

रेंज स्तर पर थाने में सुलझाए जा सके महज तीन मामले

रेंज स्तर पर पिछले वर्ष साइबर थाना खोला गया था, जिसमें आभी तक करीब 46 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें लाखों रुपये की ठगी की गई है। लेकिन इनमें से महज तीन मामले ही सुलझ पाए हैं। इसके पीछे एक्सपर्ट स्टाफ की कमी मानी जा रही है। वहीं पुलिस का मानना है कि प्रशिक्षण के बाद कर्मचारी यहां भी और अधिक सक्रियता से काम करेंगे और मामले जल्द सुलझाए जा सकेंगे।

साइबर अपराध रोकना प्राथमिकता : आइजी

आइजी ममता सिंह का कहना है कि साइबर अपराध रोकना उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए वे लगातार तीनों जिला के एसपी के साथ बैठक कर रणनीति बना रही है। कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी थानों में एक-एक कर्मी तैनात किए जाने के अलावा थानें में भी ऐसे कर्मी बढ़ाए जाएंगे।