हरियाणा में हिसार पुलिस DIG बलवान सिंह राणा पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप लगे हैं। यह संगीन आरोप शहर के प्रमुख कारोबारी प्रदीप नेहरा ने लगाए हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर के नामचीन कारोबारी प्रदीप नेहरा के अनुसार, DIG बलवान सिंह राणा ने पुलिस विभाग के एक बड़े अधिकारी के जरिए पहले उनसे 50 लाख रिश्वत की मांगी।हिसार पुलिस ने तारा फोर्ड एजेंसी संचालक प्रदीप नेहरा के खिलाफ सोमवार को कंपनी के पूर्व कर्मचारी दिनेश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद प्रदीप नेहरा ने कहा कि 2 साल पहले मेरे यहां कुछ कंपनियों में स्पेयर पार्ट से जुड़ी धांधली पकड़ी गई थी। कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ था। इसमें जहर खाने वाला कर्मचारी दिनेश भी था। करीब 8 महीने पहले मैंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए एक शिकायत दी थी।जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो दोबारा से उनके पास संदेशा भेजा गया कि डीआईजी 25 लाख लेने के लिए भी तैयार हैं। नहरा के अनुसार, जब उन्होने पैसे नहीं दिए तो उनको झूठे केसों में फंसाया जा गया। इस बारे में वह जल्द ही सुबूतों के साथ पूरा खुलासा करेंगें। DIG बलवान सिंह राणा ने इन आरोपों का सिरे से खंडन किया है।लेकिन इस मामले में एफआईआर न दर्ज करते हुए शिकायत को कई महीनों तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में घुमाया गया। एफआइआर दर्ज न होने का कारण मैंने डीआइजी बलवान सिंह राणा से पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
इस प्रकरण के बाद मेरे पास पुलिस विभाग का एक बड़ा अधिकारी आता है और कहता है कि आपकी एफआईआर दर्ज हो जाएगी, मगर 50 लाख रुपए खर्च होंगे। जब मैं पैसे देने के लिए राजी नहीं हुआ तो उस पुलिस के अधिकारी का कहना था कि डीआइजी साहब 25 लाख में भी तैयार हैं। मैंने साफ इनकार करते हुए कहा कि शिकायत दर्ज करने के लिए एक पैसा नहीं दूंगा।
हिसार डीआइजी के अनुसार…
खुद पर लगे आरोपों के बारे में DIG बलवान सिंह राणा ने कहा कि प्रदीप नेहरा ने मेरे ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वह बेबुनियाद हैं। अगर उनके पास कोई सुबूत है तो वह सार्वजनिक करें। वह कह रहा कि मैंने रिश्वत मांगी और केस दर्ज नहीं किया तो उसने इसकी कहां शिकायत की।
अब तक वह चुप क्यूं था और अब जब केस दर्ज हो गया है, वह गलत तरह के आरोप लगा रहे हैं। प्रदीप नेहरा की शिकायत कुछ महीने पहले हमारे पास आई थी। वह फोक्सवैगन के अधिकारी के खिलाफ झूठा पर्चा दर्ज करवाना चाहता था। हमने पूरे मामले की जांच करवाई तो वह मामला झूठा निकला था।