karnal-(Motor Insurance) में मोटर ओन डैमेज कवर (Motor Own Damage Cover) चक्रवात, भूस्‍खलन, तूफान, बिजली गिरना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं (Natural Calamities) की वजह से वाहनों को होने वाले नुकसान की भरपाई करता

नई दिल्‍ली. देश के पश्चिमी तटीय राज्‍यों (Western Coast of India) में इस समय चक्रवाती तूफान टाउते (Tauktae) ने मुसीबत खड़ी कर दी है. गुजरात, गोवा, महाराष्‍ट्र, दमन-दीव, कर्नाटक और केरल में टाउते के कारण भारी बारिश (Heavy Rainfall) से जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumabi) में पिछले दो दिन से तेज हवाओं (Heavy Wind) के साथ मुसलाधार बारिश हो रही है. इससे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. सोशल मीडिया पर पानी में डूबी हुई कारों और मोटरसाइकिलों की तस्‍वीरें घूम रही हैं. वहीं, कई तस्‍वीरों में नजर आ रहा है कि तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने से वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा है.

टाउते से वाहन को हुए नुकसान की भरपाई करेंगी बीमा कंपनियां
केरल (Kerala) में कुछ साल पहले आई भयंकर बाढ़ (Floods) के बाद इंश्‍योरेंस रेग्‍युलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से प्राकृतिक आपदा (Natural Calamities) के कारण हुए नुकसान के निपटारे के लिए दावे की प्रक्रिया को आसान बनाने को कहा था. इसके बाद बीमा कंपनियों ने दावा निपटारे की प्रक्रिया को आसान बनाया है. ऐसे में अगर आपकी कार या बाइक टाउते के कारण क्षतिग्रस्‍त हो गई है तो बीमा कंपनी उसकी भरपाई कर देगी. हालांकि, इसके लिए आपको कुछ आसान स्‍टेप्‍स को फॉलो करना होगा.

नुकसान के 48 घंटे के भीतर ही बीमा कंपनी को कर दें फोन
मोटर इंश्‍योरेंस (Motor Insurance) में मोटर ओन डैमेज कवर (Motor Own Damage Cover) चक्रवात, भूस्‍खलन, तूफान, बिजली गिरना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं (Natural Calamities) की वजह से वाहनों को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है. इसके लिए आप क्षतिग्रस्‍त वाहन को छूने से पहले इंश्योरेंस कंपनी को फोन करें. अगर आपके वाहन पर पेड़ या कुछ गिरने से नुकसान हुआ है तो उसे निकालने की कोशिश कतई न करें. अगर आप ऐसा करते हुए वाहन को नुकसान पहुंचाते हैं तो क्लेम के भुगतान में देरी होगी. हर इंश्‍योरेंस कंपनी का टोल-फ्री नंबर होता है. नुकसान के 48 घंटों के अंदर इस नंबर पर कॉल करें और वाहन की डिटेल्‍स दें.

ऑनलाइन या फोन से क्‍लेम करने के लिए पहले करें ये काम
कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर को थामने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण इंश्‍योरेंस कंपनियां ऑनलाइन और मोबाइल के फोन जरिये क्‍लेम फाइल करने की अनुमति दे रही हैं. ऐसे में आपको नुकसान दिखाने के लिए क्षतिग्रस्‍त वाहन के फोटो की जरूरत पड़ती है. लिहाजा, सबसे पहले अपने मोबाइल फोन से गाड़ी के अंदर और बाहर की तस्वीरें लेकर इंश्योरेंस कंपनी को भेजें. सभी बीमा कंपनियों का भारत भर में अलग-अलग गैराज के साथ करार होता है. ग्राहक की ओर से क्लेम करने के बाद बीमा कंपनी वाहन को गैराज भेज देती हैं. गैराज गाड़ी की जांच कर मरम्मत की अनुमानित लागत बीमा कंपनी को बता देता है. फिर कवर के आधार पर बीमा कंपनी दावे का भुगतान कर देती

मरम्‍मत में किन पार्ट्स का ग्राहक को करना होगा भुगतान
वाहन की मरम्‍मत के दौरान अगर ऐसा पार्ट बदला जाता है जो बीमा पॉलिसी में कवर नहीं होता है तो उसका भुगतान ग्राहक को करना होता है. बता दें कि अगर वाहन का इस्‍तेमाल बीमाधारक के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति कर रहा हो और नुकसान हो जाए तो दावा खारिज किया जा सकता है. अगर 50,000 रुपये तक का मोटर क्लेम होता है तो किसी सर्वेक्षक की जरूरत नहीं होती है. अगर किसी एसयूवी या लग्‍जरी कार/बाइक की मरम्‍मत के लिए बड़ी रकम चाहिए तो एक लॉस एसेसर नियुक्त किया जाता है. एसेसर नुकसान की सीमा का आकलन और बीमा कंपनी की ओर से चुकाई जााने वाली राशि तय करता है.

 

इन कारणों से खारिज भी किया जा सकता है आपका दावा
बीमा कंपनियां टाउते जैसी घटनाओं के मामलों में दावों का भुगतान कर देती हैं, लेकिन कुछ मामलों में आंशिक भुगतान किया जाता है या दावा खारिज कर दिया जाता है. अगर आप चाहते हैं कि आपको दावा खारिज ना हो तो बीमा कंपनी को नुकसान के 48 घंटे के अंदर सूचना दे दें. कार रजिस्ट्रेशन डिटेल्‍स गलत होने पर भी दावा रद्द किया जा सकता है. यही नहीं, अगर आपने अनऑथराइज्ड मॉडिफिकेशन कराया है तो भी बीमा कंपनी भुगतान करने से इनकार कर सकती है. गाड़ी को निरीक्षण से पहले किसी हालत में रिपेयर नहीं कराना है. वहीं, अगर आपने अपनी कार या बाइक कॉमर्शियल इस्‍तेमाल के लिए दी है तो भी आपको दावा खारिज हो सकता है.