नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NSE) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण के घोटाले में पता चला है कि जिस हिमालय वाले बाबा का वे आदेश मानती थीं, वह उनका ही कोई करीबी था
घर खरीदना पहले के मुकाबले थोड़ा आसान
. अभी तक यह कहा जा रहा था कि हिमालय वाले इस गुमनाम बाबा की कोई पहचान नहीं है और वे सिर्फ दूर से ही चित्रा को निर्देश देते थे. लेकिन, मनीकंट्रोल (Moneycontrol) की ओर से जारी एक वीडियो में बताया गया है कि चित्रा इस बाबा के साथ समंदर के बीच पर भी घूमती थीं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर चित्रा की बाबा से मुलाकात नहीं हुई तो फिर बीच पर घूमने की बात कैसे उठी. माना जा रहा है कि ये शख्स चित्रा का ही कोई करीबी था.
घोटाले का ट्राएंगल… सुनीता आनंद की एंट्री
खुलासा हुआ है कि चित्रा ने जिस आनंद सुब्रमण्यन की नियुक्ति हिमालय वाले बाबा के कहने पर की थी, उनकी पत्नी को भी बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा था. सुनीता आनंद जो आनंद सुब्रमण्यन की पत्नी हैं, उन्हें NSE साउथ का हेड बनाया गया था. ये सभी काम चित्रा बाबा के ही निर्देशों पर करती थीं.
दिल्ली कनेक्शन का फायदा उठाती थीं चित्रा
मामले की जांच में यह भी पता चला है कि चित्रा का दिल्ली में मजबूत कनेक्शन था. दिल्ली में होने वाली किसी भी हलचल की खबर उन्हें मिल जाती थी. यही कारण है कि लोग उनके खिलाफ होने वाली शिकायतों पर चुप्पी साध लेते थे. सुब्रमण्यन ने 12 सितंबर, 2018 के अपने बयान में कबूल किया था कि वह उस गुमनाम योगी को पिछले 22 साल से जानते हैं.
ऊपर से हंसमुख और सरल लेकिन अंदर से…
चित्रा को जानने वाले ये भी बताते हैं कि ऊपर से बेहद सरल और सौम्य नजर आने वाली चित्रा का वास्तविक स्वभाव ऐसा नहीं था. वे काफी चालाक और पेशेवर थीं. NSE के कर्मचारियों का कहना है कि ये तिकड़ी (चित्रा, आनंद और सुनीता) अपने काम को बेहद पेशवराना अंदाज में अंजाम देती थी. यही कारण है कि सेबी को इसकी भनक नहीं लगी और चित्रा करीब तीन साल तक 8 करोड़ निवेशकों की भावनाओं और पैसों से खेलती रहीं.