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किताबी ज्ञान से ज्यादा व्यावहारिकता को तरजीह देने की दिशा में एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइंस को लागू किया है। अब मेडिकल छात्र पहले ही साल से ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी और वार्डों में राउंड भी लेंगे। साथ ही छात्रों के लेक्चरों की संख्या और समय भी कम किया गया है। अध्ययन और अध्यापन के स्वरूप और प्रारूप में भी बहुत बदलाव किए गए हैं।
नेशनल मेडिकल कमीशन ने पिछले दिनों देश के सभी केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों के लिए नई गाइड लाइंस जारी करते हुए दशकों बाद पढ़ाई का स्वरूप बदलने के लिए कहा। जेएन मेडिकल कॉलेज अगले सप्ताह से कमीशन के निर्देशों के अनुपालन में कक्षाओं में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रहा है। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राकेश भार्गव ने बताया कि पहले हर दिन चार से पांच लेक्चर हुआ करते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटाकर सिर्फ दो कर दिया गया है। छात्रों को चौथे साल में ओपीडी दी जाती थी, लेकिन अब वह पहले साल से ही ओपीडी करेगा और वार्डों में राउंड भी लेगा, ताकि उसे सभी पहलुओं का व्यावहारिक ज्ञान मिले। छात्रों को अब ऑपरेशन थियेटर में पहले ही साल से सीनियर डॉक्टर्स के साथ भेजा जाएगा।
एक शिक्षक के साथ दो से तीन छात्र के बनेंगे ग्रुप :
कॉलेज में अब छात्रों को छोटे-छोटे ग्रुप बनाये जाएंगे, जिसमें दो से तीन छात्रों के साथ एक वरिष्ठ शिक्षक की जिम्मेदारी लगायी जाएगी। उसके साथ ही वह ओपीडी व राउंड्स पर जाएंगे। हर मर्ज का पहले साल से ही उनको ज्ञान दिया जाएगा।
सभी विभाग होंगे मर्ज, एक साथ होगी पढ़ाई :
कॉलेज में नए स्वरूप के तहत अब सभी विभागों को मर्ज किया जाएगा। विभिन्न विभागों के शिक्षक एक साथ बैठकर इसका प्रारूप तय करेंगे। उसके बाद छात्रों को सभी विभागों का अध्ययन एक साथ कराया जाएगा। ताकि कोई संशय हो तो समय रहते दूर किया जा सके।
मॉडल के जरिए शरीर के हर हिस्से का लेंगे ज्ञान :
मेडिकल छात्रों को बॉडी के हर अंग का मॉडल के जरिए भी ज्ञान दिया जाएगा। कॉलेज में हर पार्ट् का मॉडल आ गया है। इसके लिए विशेष लैब बनायी गई है, जिसमें डिलीवरी से लेकर हाथ, पांव समेत अन्य विभिन्न अंगों का मॉडल शामिल किया गया है।
-एनएमसी की गाइडलाइंस के बाद कॉलेज में पाठ्यक्रम के स्वरूप को बदला गया है। नए स्वरूप के तहत विद्यार्थियों को लंबे लेक्चर अब नहीं सुनने को मिलेंगे। एमबीबीएस छात्रों को पहले साल से ओपीडी करनी होगी। छात्रों के शिक्षकों के निर्देशन में छोटे-छोटे ग्रुप बनाये गये हैं।- प्रो राकेश भार्गव, प्रिंसीपल, जेएन मेडिकल कॉलेज, एएमयू।